हमारे देश में बेटियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। देवी का सम्मान दिया जाता है। नवरात्र में पूजा की जाती है। यहां की सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन बेटियों पर हो रहे जुल्म और उनके साथ हो रही हैवानियत समाज, सरकार, सिस्टम की नाकामियों का ही सबूत है। सरकार के सारे कानूनी अस्त्र-शस्त्र फेल है क्योंकि हाथरस में एक लड़की के साथ जिस तरह से दरिंदों ने दरिंदगी की है। उस घटना को सुनकर ही इंसान की रूह कांप जाए, सिर शर्म से झुक जाएगा। हाथरस में हैवानों के हाथों गैंगरेप की शिकार लड़की ने आखिरकार सफदरजंग हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया है।
हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही।
हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। ..1/2
…यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है।अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 29, 2020
इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। @myogiadityanath उप्र की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं। 2/2
दरअसल, हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 साल की लड़की के साथ 14 सितम्बर को दरिंदगी हुई थी। वहशियों लड़की साथ गैंगरेप किया दरिंदगी की लड़की साथ हैवानों ने जुल्म की सारी हदें पार की। लड़की की पिटाई कर रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। दरिंदों ने उसकी जीभ भी काट दी थी। पीड़ित लड़की पिछले दो हफ्ते से अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती थी। वहां हालत में कोई सुधार नहीं होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। यहां उसकी मौत हो गई। अपराधियों का दुस्साहस देखिए कि दरिंदगी की शिकार हुई 19 साल की पीड़िता की हालत नाजुक थीऔर रीढ़ की हड्डी टूटने से उसके शरीर का आधा हिस्सा बेजान हो गया था, फ़िर भी दूसरी ओर परिजनों को उन्नाव जैसा हश्र करने की धमकी दी जा रही थी। आखिर सरकार और प्रशासन इतना लाचार कैसे हो गया?
इस घिनौनी वारदात में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन शुरुआती कार्रवाई में पुलिस ने जिस तरह से लापरवाही दिखाई उससे कई सवाल उठे। शनिवार को कोतवाली इंचार्ज को लाइन हाजिर भी किया गया। वहीं, घटना के बाद 19 सितम्बर को पीड़िता का बयान लेने कार्यवाहक सीओ सादाबाद महिला आरक्षियों संग अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज गए तो युवती की हालत बहुत ठीक नहीं थी। पीड़िता ने इशारों- इशारों में खुद पर हमले और बदतमीजी किए जाने की बातें ही बता सकी। जिसके बाद हमले के साथ-साथ छेडख़ानी की धारा बढ़ाई गई। 22 सितंबर को सीओ फिर महिला सिपाही के साथ पहुंच कर पीड़ित लड़की का बयान दर्ज किया, जिसमें उसने इशारों-इशारों में अपने साथ हुई दरिंदगी को बयां किया।