वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल बुद्ध पूर्णिमा 26 मई 2021, दिन- बुधवार को है। कहा जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर में सुख-शांति और खुशहाली आने की भी मान्यता है।
बुद्ध पूर्णिमा कब से कब तक है?
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 25 मई दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 29 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, जो 26 मई दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। वैशाख पूर्णिमा का व्रत 26 मई को रखा जाएगा और बुद्ध पूर्णिमा भी इसी दिन मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा़ व्रत विधि
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। अंत में दान-दक्षिणा दें।
विशेष योग
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा के दिन दो विशेष योग बन रहे हैं। शिव योग 25 मई रात्रि 3:01 से प्रारंभ होगा और 26 मई रात्रि 22:50 तक रहेगा। सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग 26 मई को प्रात: 5:42 से रात्रि 1:16 तक रहेगा। इस शुभ योग में आप कोई भी कार्य कर सकते हैं।
वैशाख पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा के दिन इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह 26 मई को दोपहर 02:17 बजे से शुरू होकर शाम 07:29 बजे तक रहेगा।
मां लक्ष्मी की करें आराधना
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उनका हल्दी से तिलक करें। अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर वहां रख दे जहां आप अपना धन रखते हैं। ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।
इस मंत्र का करें जाप
आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. ” मंत्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए। ऐसा करने से धीरे-धीरे आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
पीपल के वृक्ष की करें आराधना
शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए।
चंद्र देव को दें अर्घ्य
वैवाहिक जीवन में मधुरता के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी में से किसी को चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए। पति- पत्नी साथ में भी अर्घ्य दे सकते हैं। इस उपाय से आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता का रस बना रहेगा।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा-
1. सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की साफ-सफाई करें।
2. अब सादे पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
3. घर के मंदिर में भगवान विष्णु का दीपक जलाएं।
4. घर के मुख्य द्वार पर रोली, हल्दी या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल का छिड़काव करें।
5. बोधिवृक्ष के सामने दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध अर्पित करें।
6. गरीबों को भोजन व वस्त्र आदि दान करें।
7. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें।
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