मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल में कई युवा चेहरों को तवज्जो दी गई. उन्हीं में एक मध्य प्रदेश की राजनीति के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया. सिंधिया ने आज मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. वह बीजेपी से राज्यसभा सदस्य है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी आए सिंधिया को एकसमय राहुल गांधी का काफी करीबी माना जाता था. मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराकर शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनवाने में सिंधिया की सबसे अहम भूमिका रही. माना जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री का पत्र उसी का इनाम है.
.@JM_Scindia takes oath as union minister #UnionCabinetExpansion pic.twitter.com/ejerHAOOFP
— DD News (@DDNewslive) July 7, 2021
पिछले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस से चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से साल 2009 से लगातार जीतते आ रहे थे. बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों सहित भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा में पहुंचाया. ज्योतिरादित्य ने बुधवार को मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है.
एक जनवरी 1971 को ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में उनका जन्म हुआ. वे ग्वालियर में पैतृक महल जयविलास पैलेस में रहते हैं. इस भवन की कीमत करीब दो सौ मिलियन डॉलर बताई जाती है. करीब चार सौ कमरे वाले इस महल के 40 कमरों में म्यूजियम है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2014 की लोकसभा के दौरान जो हलफनामा दिया था, उसके मुताबिक उनके पास 32 करोड़ 64 लाख 412 रुपये की संपत्ति है. ज्योतिरादित्य की 1984 बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की प्रियदर्शिनी से शादी हुई. ज्योतिरादित्य की एक बुआ यशोधरा राजे शिवराज कैबिनेट में मंत्री रहीं तो दूसरी बुआ वसुंधरा राजे बीजेपी से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे जो जिम्मेदारी प्रदान की है, मैं दिल की गहराईयों से उनके प्रति कृतज्ञ हूं। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं उनकी आशाओं पर खरा उतर पाऊं: केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया pic.twitter.com/dTgZgaZzn8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 7, 2021
पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के नौ बार सांसद रहे, दादी विजय राजे बीजेपी की कद्दावर नेता रहीं. कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता भी माने जा रहे थे एमपी में सीएम पद के दावेदार, 30 सितंबर 2001 को विमान हादसे में मौत हो गई थी. जब पिता की मौत हुई, तब जाकर विदेश से पढ़ाई कर लौटे ज्योतिरादित्य ने राजनीति में उतरने का फैसला किया.
2002 में पहली बार पिता की परंपरागत गुना संसदीय सीट से चुनाव जीते. 2004 के लोकसभा चुनाव में दोबारा इसी सीट से बने सांसद. यूपीए-1 की मनमोहन सरकार में पहली बार 2007 में केंद्रीय राज्य मंत्री बने. यूपीए-2 की मनमोहन सरकार में भी 2012 में रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार. दून स्कूल के बाद अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और स्टैनफोर्ड स्कूल से एमबीए की पढ़ाई की.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास करोड़ों रुपये की पैतृक संपत्ति है, जिसमें महल, कोठियों के साथ अन्य चीजें शामिल हैं. उनके पास एक पैतृक बीएमडब्ल्यू कार भी है. लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन भरा, और इस दौरान दिए शपथ-पत्र में सिंधिया ने खुलासा किया है कि सिंधिया के पास पैतृक संपत्ति में 40 एकड़ में फैला ग्वालियर का जय विलास पैलेस है. इसके अलावा महाराष्ट्र में श्रीगोंड़ा में 19 एकड़ और लिंबन गांव मे 53 एकड़ जमीन है. इसके साथ ही रानी महल, हिरनवन कोठी, रैकेट कोर्ट, शांतिनिकेतन, छोटी विश्रांति, विजय भवन, पिकनिक स्पॉट, बूट बंगला, रेलवे कैरिज घंटी घर, इलेक्ट्रिक पॉवर हाउस रोशनी घर आदि रिहायशी संपत्तियां हैं. इन संपत्तियों की बाजार कीमत 2,97,00,48,500 रुपए है.
विशेष रिपोर्ट: स्टेट ब्यूरो चीफ- प्रकाश बारोड़