पीएम मोदी ने कहा कि बीते एक साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार बनाकर बहुत से फैसले लिए गए। हमें यह याद रखना है कि नई शिक्षा नीति ही भविष्य के भारत का आधार तैयार करेगी और तमाम अन्य फैक्टर्स में से सबसे अहम कारण होगी। 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्था और अपनी दुनिया को अपने ही हिसाब से बनाना चाहता है। ऐसे में उसे एक्सपोजर चाहिए और पुराने बंधनों से मुक्ति चाहिए।
हम देख सकते हैं कि छोटे कस्बों और गांवों से निकले युवा कैसे-कैसे कमाल कर रहे हैं। हम टोक्यों ओलंपिक में भी देख सकते हैं कि भारत के सुदूर इलाकों से निकले युवा भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर मशीन लर्निंग तक में युवा में अपना परचम लहराने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। यही युवा भारत के स्टार्टअप सिस्टम में क्रांति ला रहे हैं। डिजिटिल इंडिया को नई गति दे रहे हैं। आप कल्पना कीजिए कि जब इस युवा पीढ़ी को अपने सपनों के अनुरूप वातावरण मिलेगा तो उनकी शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी।
देश का युवा कभी भी बदलेगा स्ट्रीम, बढ़ेगी लोगों की स्किल
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षको, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है: PM #TransformingEducation
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश का युवा अब कभी भी अपनी स्ट्रीम में बदलाव कर सकता है। अब उनके आगे यह डर नहीं रहेगा कि यदि उन्होंने कोई एक स्ट्रीम चुन ली तो फिर उसे बदल नहीं पाएंगे। यह डर जब युवाओं के मन से निकलेगा तो उनके मन से तमाम तरह के डर निकलेंगे और वे नए प्रयोग करने तत्पर होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे युवाओं को देश को समर्थ बनाने के लिए पूरी दुनिया के मुकाबले एक कदम आगे बढ़कर सोचना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि बीते एक साल में देश के 1,200 से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों ने स्किल इंडिया से जुड़े कोर्सों की शुरुआत की है।
अब 11 भाषाओं में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई
मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।
इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है: PM #TransformingEducation
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2021
उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय भाषाओं को भी प्रमुखता देने का फैसला लिया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब तमिल, मराठा, बांग्ला समेत 5 भाषााओं में शुरू होने वाली है। इसके अलावा कुल 11 भाषाओं में इंजीनियरिंग के कोर्स का अनुवाद शुरू हो चुका है। इसका सबसे ज्यादा लाभ देश के गरीब और मिडिल क्लास के स्टूडेंट्स को होगा। दलितों और आदिवासियों को होगा। इन्हीं परिवारों से आने वाले लोगों को लैंग्वेज डिवाइड का सामना करना पड़ता था। मातृभाषा में पढ़ाई से गरीबों का बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसके अलावा प्रारंभिक शिक्षा में भी मातृभाषा को प्रमोट करने का काम शुरू हो गया है।
Addressing a programme to mark a year of the National Education Policy. #TransformingEducation https://t.co/65x9i0B0g1
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021