वैष्णों माता दर्शन के लिए नवरात्र में है रोज़ 7000 लोगों को इजाज़त, मगर किसान आंदोलन और कोरोना जाँच रिपोर्ट की अनिवार्यता के चलते आधे ही पहुँच रहे हैं

0
200

नवरात्र में दर्शन की अभिलाषा लिए वैष्णो माता के दरबार में श्रद्धालु आ रहे हैं। मां का दरबार सुंदर फूलों से सजा है। श्रद्धालु माता रानी के जयकारे लगा रहे हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस बार सबकुछ बदला-बदला सा है। भक्तों के सिर पर जय माता दी के पटके की जगह मास्क ने ले ली है। माथे पर न तिलक है, न गले में चुनरी है, भवन में प्रसाद ले जाना भी मना है। मां के दरबार से प्रसाद के रूप में मिलने वाले चांदी के सिक्के और नारियल भी नदारद हैं।

श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड ने 7000 यात्रियों को हर दिन यहां आने की परमिशन दी है। केंद्र सरकार ने दिल्ली से सीधे कटरा तक वंदे भारत ट्रेन को नवरात्र में फिर से शुरू करने का फैसला किया था। लेकिन, पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर रेल सेवा रोकने से उत्तर भारत सहित मध्य और पश्चिम भारत से भी यात्री यहां नहीं पहुंच पाए हैं। इससे पहले यहां केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी आए थे। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आ रहे यात्रियों की खातिर तो रेल सेवा नहीं रोकनी चाहिए।

पहले दिन केवल 4400 ने ही किए दर्शन

2019 में कोरोना से पहले 79 लाख 40 हजार 64 श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन दिए, जबकि 2018 में 85 लाख 86 हजार 541 श्रद्धालु यहां पहुंचे। पिछले वर्ष शारदीय नवरात्रों में ही पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। जिनमें से 50 फीसदी दिल्ली,पंजाब और गुजरात से थे। पहले दिन केवल 4400 ने ही दर्शन किए। इनमें से 705 यात्री फ्लाइट से भवन पहुंचे।

नवरात्रों में यात्रा नए नियमों के साथ शुरू हुई

बाहरी राज्यों से आने वालों को कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लानी है और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों का रैपिड टेस्ट कटरा में प्रवेश द्वार पर होगा। भवन में रेस्टोरेंट भी बंद हैं और भोजनालय में मिलने वाले मशहूर राजमा-चावल और पूड़ी-चना भी नहीं मिल रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सभी के लिए अनिवार्य है। जगह-जगह सैनिटाइजर रखे गए हैं।

श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार श्राइन बोर्ड

श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने कहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए हम तैयार हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम तो हैं ही, साथ ही साफ-सफाई पर भी फोकस है। कोरोना के एसओपी को फॉलो किया जा रहा है। एक दिन में 7 हजार तक लोग दर्शन कर सकते हैं और उनके लिए पुख्ता इंतजाम हैं।जगह-जगह सैनिटाइजर मशीनें लगाई गई हैं। स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं। इस बार किसी तरह के भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम या जागरण नहीं होंगे। भवन में शतचंडी महायज्ञ हो रहा है। भजन गायक भी है।

बहुत कम संख्या में ही श्रद्धालु इस बार दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन, उनका उत्साह देखते बन रहा है। जम्मू के विक्की वर्मा अपने परिवार समेत पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मां ने चाहा तो अगले नवरात्र में फिर धूमधाम होगी। भवन की सजावट ने मन मोह लिया। यहां एक अलग ही सुकून है। दिल्ली से दर्शनों के लिए आए अजय कपूर कहते हैं, ‘मां के भवन का नजारा सभी दुःख और तनाव को दूर करता है। जल्द ही भारत कोरोना से मुक्त होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here