भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर फिलहाल तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। पिछले कई महीनों से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं डेरा जमाए हुईं हैं। कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन फिलहाल कोई हल नहीं निकल पाया है। मामले से परिचित लोगों ने बुधवार को कहा कि भारत चीनी सैन्य कमांडरों के उस प्रस्ताव को खारिज कर देगा जिसमें उसने भारतीय सेना से फिंगर वन से हटने की बात कही है।
मामले से परिचित लोगों ने कहा कि यह प्रस्ताव भारत के हितों की रक्षा नहीं करता है, क्योंकि जब चीनी सैनिकों ने 5 मई, 2020 को LAC के साथ शांति और शांति बनाए रखने के लिए 30 साल के लिखित समझौतों का उल्लंघन किया था उससे पहले फिंगर-8 में से आधे भारतीय नियंत्रण आते थे। भारतीय सैनिकों ने आखिर तक यहां पेट्रोलिंग की थी। अब चीनी कमांडर शांति के नाम पर सुझाव दे रहे हैं कि भारतीय सैनिक पीछे हटें और फिंगर एक से फिंगर आठ तक के बीच के क्षेत्र को नो आर्मी जोन बना दिया जाए।
फिलहाल भारतीय सेना और पीएलए दोनों फिंगर-4 पर एक दूसरे के आमने-सामने डेरा डाले हुए हैं। चीन फिंगर-8 तक बुनियादी ढांचा खड़ा करने के फिराक में हैं। आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाने की पूर्वी लद्दाख यात्रा के खत्म होने के बाद दिल्ली में एक सैन्य कमांडर ने कहा कि इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है। हम चीन को उसके अपराधों के लिए पुरस्कृत नहीं कर सकते। सैन्य कमांडर ने कहा कि हम चाहते है कि पीएलए अप्रैल 2020 की स्थिति वाली अपनी पोजिशन पर जाए।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को पैंगोंग सो लेक के दक्षिणी हिस्से वाले फॉरवर्ड इलाकों का दौरा किया। उन्होंने एलएसी पर वर्तमान स्थिति और सेना की तैयारियों का भी जायजा लिया। सेना प्रमुख जनरल नरवणे बुधवार सुबह 8:30 पर फॉरवर्ड इलाके में पहुंचे। इसके बाद, उन्होंने उद्धमपुर स्थित नॉर्दन कमांड के XIV कॉर्प्स के सैनिकों से मुलाकात की। माना जा रहा है कि सेना प्रमुख बुधवार शाम को ही नई दिल्ली वापस लौट आए। लेह-लद्दाख का उनका यह दौरा एक दिन का था।
सेना ने ट्वीट करके जानकारी दी कि सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने रेचिन ला समेत फॉरवर्ड इलाकों का दौरा किया और खुद से एलएसी के वास्तविक हालातों का जायजा लिया। सेना ने आगे कहा कि जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स और अन्य स्थानीय कमांडरों ने हमारी सेना की ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में जानकारी दी।