उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में परसपुर क्षेत्र के पसका गांव निवासी दलित गुरई की तीन बेटियों पर सोते समय तेजाब फेंक दिए जाने का मामला सामने आया आया है। तीनों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रह रही है ।
बताया जाता है कि गुरई की 19 वर्षीय बेटी खुशबू, कोमल(7) व एक पांच वर्षीय बेटी छत के दूसरी मंजिल पर सो रही थी। इसी दौरान तीनों पर तेजाब फेंका गया । गम्भीर हालत में तीनों को परिवारीजन जिला अस्पताल पहुंचे। एसपी अस्पताल पहुंच गए हैं। घटना को अंजाम देने वालों की जानकारी की जा रही है। अभी तक कारण प्रकाश में नहीं आया है।
आपको बता दें कि यूपी में महिला अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। गोंडा में वारदात से पहले हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप की वारदात हुई थी। इसमें गांव के ही चार युवकों पर रेप का आरोप लगा था।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इलाज के दौरान पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद हाथरस में तनावपूर्ण हालात बन गए थे, जिसके बाद सीएम योगी ने पूरे कांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। इसके अलावा सीएम ने इस घटना के बाद असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा कराने की साजिश की बात भी कही थी।
मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। 12 अक्तूबर को इलाहाबाद हार्हकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। अदालत ने प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने दोपहर बाद मामले की सुनवाई शुरू की इस दौरान पीड़ित परिवार अदालत में मौजूद रहा।इसके अलावा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के साथ-साथ हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी अदालत में उपस्थित हुए।