बेमौसम बारिश-ओलों ने पांच राज्यों में मचाई तबाही, गेहूं-सरसों-चने की फसल हो गई बर्बाद !

0
184

इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत और उत्तर पश्चिम भारत के कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत कुछ राज्यों में पिछले कुछ दिनों से बारिश की गतिविधियां जारी हैं। मौसम विभाग ने 21 मार्च को भी बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। एक तरफ जहां बारिश के बाद मौसम खुशनुमा है तो वहीं, किसानों के लिए बेमौसम बरसात आफत बनी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, आज यानी 21 मार्च से उत्तर पश्चिम भारत और पूर्वी भारत में बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी।

उत्तर और मध्य भारत के कई इलाकों में बेमौसम बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि जारी रही। इससे गेहूं, सरसों, चना, गन्ने की खड़ी फसलों और मौसमी सब्जियों और बागवानी फसलों को काफी नुकसान होने का अंदेशा है। हालांकि नुकसान कितना हुआ, इसका पता खेतों में पानी घटने और सर्वेक्षण के बाद ही चलेगा। केंद्र सरकार ने भी माना कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की खड़ी फसल को कुछ नुकसान हुआ है लेकिन सरसों और चना की ज्यादा चिंता नहीं है क्योंकि इनकी अधिकतर कटाई हो चुकी है। बागवानी फसलों की बात करें तो कुछ इलाकों में ओलावृष्टि से केला और आलू जैसी फसलों को थोड़ा नुकसान हो सकता है।

इन राज्यों की गेहूं की फसल पर दिखेगा असर 

इस बीच मौसम विभाग ने कहना है कि, मंगलवार से बारिश थमने लगेगी। मंगलवार से उत्तर.पश्चिम और पूर्वी भारत में बारिश, आंधी और ओलावृष्टि का असर काफी कम हो जाएगा। 24 मार्च से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट का अनुमान है कि बारिश का यह नया दौर पश्चिमी विक्षोभ के कारण होगा जिसके 23 मार्च की रात से सक्रिय होने का अनुमान है। 

कृषि जानकारों का कहना है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की सबसे ज्यादा मार गेहूं की खड़ी फसल पर पड़ने की आशंका है। उन इलाकों में खास तौर पर असर होगा। जहां फसल पककर कटाई के लिए तैयार है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की अगैती फसल पर बारिश का असर पड़ा है जिससे बीज की गुणवत्ता खराब होगी और अच्छी किस्म के गेहूं की कीमतें बढ़ सकती हैं।

मध्यप्रदेश सरकार हरकत में, लेकिन किसान हैं नाराज 

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राहुल राज कहते है कि मध्य प्रदेश में किसान व्यापक स्तर पर गेहूं की खेती करते हैं और हाल में हुई बारिश से गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होगी। इससे बाजार में उपज के कम दाम मिलेंगे। इस ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से मसूर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। जबकि पहली आई बौछार से 30 फीसदी  सरसों खराब हो चुकी है। इसके अलावा चना और धनिया भी प्रभावित हुआ है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने 72 घंटे के अंदर सर्वे करना आदेश दिया है। लेकिन ये सर्वे वहां हो रहा है जहां ओलावृष्टि हुई है। अतिवृष्टि वाली जगह कोई सर्वे नहीं हो रहा है। मध्य प्रदेश के किसानों को बीते दो वर्षों से फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला है। हमारी सरकार से मांग है कि आबीसी 6 4 की धारा और फसल बीमा में खेत को इकाई माना जाए।

मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 500 से अधिक गांवों में 30 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो गई हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर फसल बर्बादी की जानकारी दी है। सीएम ने कहा कि, मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को कहना चाहता हूं कि संकट है, परेशानी है, लेकिन आपकी क्षति का आकलन होगा और क्षति का आकलन करके हम नुकसान की भरपाई करेंगे। मैं हर जिले की चिंता करुंगा। जहां फसलें खराब हुई हैं,हर गांव की चिंता करुंगा। हर किसान की करुंगा जिन किसानों की फसलें खराब हुई है। प्रदेश में 25 मार्च तक सर्वे कार्य पूरा हो जाएगा। सर्वे में पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी। बर्बाद फसल का आकलन करने के बाद नुकसान की भरपाई की जाएगी।

उप्र सरकार हुई एक्टिव, जुटी सर्वे में

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को नुकसान का आकलन के लिए सर्वेक्षण करने तथा किसानों को तत्परता से मुआवजा देने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने विभिन्न जनपदों में हुई बारिश और ओलावृष्टि को देखते हुए अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आपदा के कारण जनहानि होने पर प्रभावित परिवार को चार लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा भी की है और साथ ही आदेश दिया गया है कि यह राशि पीड़ितों तक जल्द पहुंचाई जाए। जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा या पशु की हानि हुई है। ऐसे प्रभावितों को तत्काल वित्तीय सहायता पहुंचाई जाएं । प्राकृतिक आपदा के कारण फसलें बर्बाद हुई हैं।ऐसे में फसलों के नुकसान का आकलन कर उसका ब्यौरा सरकार को सौंपे जाने को भी कहा गया है ताकि इस संबंध में उचित कार्रवाई की जा सके।  

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्थिति की समीक्षा के लिए बीते रविवार को उच्च स्तरीय बैठक की । वहीं, पंजाब में  पिछले दो दिनों में तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश ने प्रदेश के अंदर लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर लगी गेहूं की फसल बारिश के साथ तेज हवा बहने की वजह से जमीन पर गिर गई। स्थानीय किसानों का कहना है कि बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की उस फसल को हुआ है। जिसमें दाने के विकास हो चुके थे। ऐसे में बारिश से ये फसलें खेतों में गिर गई हैं। अनाज में नमी होने से चमक कम होने के आसार होते है। इसके अलावा फंगल इंफेक्शन भी लग सकता है। इससे गेहूं की क्वालिटी प्रभावित होगी और उत्पादन गिर सकता है।

राजस्थान और हरियाणा में किसानों के हाल बेहाल, ये फैसले हुई बर्बाद

हाल ही में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि का असर राजस्थान और हरियाणा में भी देखने को मिला है। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के सभी जिलों में 20 फीसदी से अधिक फसल को नुकसान हुआ है।जबकि अकेले झज्जर जिले में 60 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ है। गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर और महेंद्रगढ़ में भी ओलावृष्टि का प्रभाव देखने को मिला है। तेज बारिश से सरसों और गेहूं की फसल को 15 से 20 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है। इसके अलावा बारिश के साथ तेज हवा चलने से खेतों में गेहूं की फसल बिछ गई है।

राजस्थान के कई जिलों में अभी भी बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है। मौसम के पश्चिमी विक्षोभ का असर सबसे ज्यादा पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में देखने को मिलेगा। प्रदेश में दो सप्ताह से रुक.रुककर हो रही बरसात किसानों पर कहर बनकर टूटी है। फसल खराब हो गई।अलवर में बारिश के कारण यहां गेहूं और सरसों की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। जोधपुर जिले में बेमौसम बारिश से जीरा और इसबगोल की फसल तबाह हो गई है। कृषि विभाग ने 42 हजार हेक्टेयर में जीरा, 9 हजार हेक्टेयर में ईसबगोल, 38 हजार हेक्टेयर में सरसों और 6 हजार हेक्टेयर में चना की फसल में नुकसान बताया है। सीकर में हुई तेज बरसात व ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जिन किसानों ने सरसों की कटाई कर रखी है। वह बारिश और ओलावृष्टि से भीग गई।

रबी फसलों को नुकसान, राज्यों की रिपोर्ट का इंतजारकेंद्र

बारिश के अलावा पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुई ओलावृष्टि से गेहूं सहित रबी की फसलों को कुछ नुकसान हुआ है। हालांकि, अभी राज्यों से रिपोर्ट मिलना बाकी है। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि, राज्य सरकार राज्य आपदा राहत कोष के तहत धन का उपयोग कर रही हैं। कुछ नुकसान तो हुआ है। हमें राज्य सरकारों से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट नहीं मिली है। अगर राज्य सरकार नुकसान का आकलन करने के बाद रिपोर्ट जमा करती हैं तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत मुआवजा प्रदान करेगी। 

विशेष रिपोर्ट-
प्रकाश बारोड़
‘सह-संस्थापक’ -ELE India News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here