प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान चुनौती पिछले वर्ष के मुकाबले बड़ी, गांवों तक पहुंचने से रोकना है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 की जिस वर्तमान चुनौती का देश सामना कर रहा है वह पिछले वर्ष के मुकाबले बड़ी है। उन्होंने किसी भी सूरत में इस महामारी को गांवों तक पहुंचने से रोकने के हरसंभव प्रयास सुनिश्चित करने का आह्वान किया। पंचायती राज दिवस के मौके पर डिजिटल माध्यम से आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की। इसके तहत चार लाख से अधिक लोगों के बीच उनकी सम्पत्ति के ई-प्रापर्टी कार्ड वितरित किए। साथ ही वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए।

इस अवसर पर उन्होंने विश्वास जताया कि जिस प्रकार पिछले वर्ष कोविड-19 के संक्रमण को गांवों में फैलने से रोकने में सफलता मिली थी, उसी प्रकार इस बार भी इसमें सफलता मिलेगी। उन्होंने पंचायतों से आग्रह किया कि कोरोना को गांव में पहुंचने से, रोकने में वे अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा, पिछले साल भी आपने इस संक्रमण को गांवों में फैलने से रोका था। पंचायतों ने गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वह पहले से जरा ज्‍यादा है। गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है।

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में पंचायतों का मंत्र दवाई भी और कड़ाई भी का होना चाहिए। उन्होंने कहा, ”मुझे विश्‍वास है कोरोना की जंग में सबसे पहले हिंदुस्‍तान के गांव विजयी होने वाले हैं। देश और दुनिया को रास्‍ता भी आप गांव वाले इस सफलता के साथ दिखाने वाले हैं, यह मुझे भरोसा है।

इस समारोह में डिजीटल माध्यम से केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, आठ राज्यों के मुख्यमंत्री और बड़ी संख्या में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कोविड-19 के बढ़ते मामलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी से बचाव के उपायों का पालन करने का आग्रह किया और कहा, जो भी दिशा-निर्देश समय-समय पर जारी होते हैं, उनका पूरा पालन गांव में हो, हमें ये सुनिश्चित करना होगा। इस बार हमारे पास टीके का एक सुरक्षा कवच भी है। इसलिए हमें सारी सावधानियों का पालन भी करना है और ये भी सुनिश्चित करना है कि गांव के हर एक व्यक्ति को टीके की दोनों खुराक लगे।

फाइबर नेट से जुड़ेंगे गांव
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति और संस्कृति का नेतृत्व हमेशा गांवों ने ही किया है, इसीलिए आज देश अपनी हर नीति और हर प्रयास के केंद्र में गांवों को रखकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ”हमारा प्रयास है कि आधुनिक भारत के गांव समर्थ हों, आत्मनिर्भर हों। इसके लिए पंचायतों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है। उन्हें नए अधिकार दिए जा रहे हैं। पंचायतों को डिजिटल बनाने के लिए हर गांव को फाइबर नेट से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है।

मुफ्त राशन योजना को जून तक आगे बढ़ाया
उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, ये भी देश की जिम्मेदारी है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को मई और जून तक आगे बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 के तहत 224 पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, 29 ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार और 12 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार प्रदान किया।

बता दें कि ‘पंचायती राज दिवस’ मनाने की शुरुआत 24 अप्रैल 2010 को पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने की थी। पंचायती राज मंत्रालय, प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन संविधान में 73वें संशोधन के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था अस्तित्व में आई थी। यह आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों से पंचायत प्रतिनिधियों से सीधे बात करने और उनकी उपलब्धियों को सम्मान देने, उन्हें आगे के लिए और सशक्त बनाने एवं प्रेरित करने का अवसर होता है। भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया। इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 है जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। पूरे देश को चलाने में सिर्फ केंद्र सरकार या सिर्फ राज्य सरकार सक्षम नहीं हो सकती है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक व्यवस्थ जरूरी है। इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी सिफारिस में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे पंचायती राज कहा गया है।

बटन पर क्लिक कर दी पुरस्कार राशि
प्रधानमंत्री ने एक बटन पर क्लिक के माध्यम से पांच लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि (अनुदान सहायता के रूप में) हस्तांतरित की। ऐसा पहली बार हुआ है कि यह धनराशि रियल टाइम आधार पर पंचायतों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित हुई। इस अवसर पर तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि 13वें वित्त आयोग के दौरान पांच साल की अवधि में देश की पंचायतों को 65 हजार करोड़ रुपए विकास के लिए मिलते थे लेकिन प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मोदी के नेतृत्व में 14वें वित्त आयोग ने 2.292 करोड़ रुपये सीधे पंचायतों को देने की अनुशंसा की।

पंचायतों को मिलेंगे 2 लाख 80 हजार करोड़
उन्होंने कहा, 15वें वित्त आयोग के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधा विस्तार की राशि मिलाकर देश की ग्राम पंचायतों को दो लाख 80 हजार करोड़ रुपए पहुंचाए जाएंगे। इस धनराशि से गांवों की तस्वीर बदलना सुनश्चित है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री द्वारा सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय योजना के रूप में पिछले साल 24 अप्रैल को स्वामित्व की शुरुआत की गई थी।

गांवों का किया जाएगा सर्वे
इस योजना में गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण किया जाता है। इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा। योजना के ‘पायलट चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और पंजाब व राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था।

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