देश में पहली बार मिलेगी ‘वोट फ्रॉम होम’ की सुविधा, बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलेगा फायदा !

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देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने शनिवार को बताया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 80 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए वोट फ्रॉम होम का विकल्प दिया जाएगा। CEC दोनों चुनाव आयुक्तों अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल के साथ आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए बेंगलुरु पहुंचे हैं।

राजीव कुमार ने बताया कि इस तरह की सुविधा पहली बार दी जाएगी। चुनाव आयोग की टीम मताधिकार का प्रयोग कराने के लिए फॉर्म-12डी के साथ बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स के घर पहुंचेगी। इस पूरी प्रोसेस की वीडियो ग्राफी करवाई जाएगी। यह सुविधा उन लोगों के लिए है जो वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ तक नहीं जा सकते। इसकी जानकारी सभी पॉलिटिकल पार्टियों को दी जाएगी।

पार्टियों को बताना पड़ेगा कि कैंडिडेट को टिकट क्यों दिया?

राजनीतिक दलों को अपने पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वोटर्स को बताना पड़ेगा कि उन्होंने क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट को क्यों चुना और चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया। इलैक्शन कमिशन ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए नो योर कैंडिडेट (Know your candidate) नाम का एक अभियान भी शुरू किया है। जिससे वोटर्स अपने कैंडिडेट के बारे में जान सकेंगे।

कैंडिडेट्स को नॉमिनेशन फाइल करने के लिए सुविधा एप लॉन्च किया

चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स को नॉमिनेशन फाइल करने और एफिडेबिट जमा करने के लिए सुविधा एप लॉन्च किया है। कैंडिडेट्स मीटिंग और रैलियों की परमिशन लेने के लिए सुविधा पोर्टल का भी उपयोग कर सकते हैं।

224 विधानसभा सीटों में 5.21 करोड़ वोटर्स
राजीव कुमार ने बताया कि कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 36 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 15 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व की गई हैं। प्रदेश में 5.21 करोड़ वोटर्स हैं जिनमें 2.59 महिलाएं हैं। 16,976 ऐसे वोटर्स हैं जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। 4,699 वोटर्स थर्ड जेंडर हैं और 9.17 लाख वोटर पहली बार वोट करने वाले हैं। 12.15 लाख से ज्यादा वोटर्स 80 साल के हैं और 5.55 वोटर्स दिव्यांग हैं।

विशेष रिपोर्ट-
अजीत राय ‘विश्वास’
चीफ एडवाइजर- ELE India News

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