देश में एक बार फ़िर कोरोना की बढ़ती रफ़्तार के बीच मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की समीक्षा बैठक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की, जहां हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों और रिकवरी के मामले में भारत दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं। पीएम मोदी ने इसके लिए साझा प्रयास को श्रेय दिया। पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना वैक्सीन को लेकर भी कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा वह वैज्ञानिकों की हर कसौटी पर खड़ा उतरेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी पता नहीं हैं।

पीएम मोदी ने कहा, ”हमें संक्रमण रोकने के लिए और प्रयास बढ़ाने की जरूरत है। संक्रमण दर को 5 पर्सेंट से कम लाना होगा। हम राज्य के स्केल पर चर्चा करने के बजाय लोकल लेवल पर ध्यान देना होगा। आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी। घरों में क्वारंटाइन मरीजों की देखभाल बढ़ानी होगी। कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स को बेहतर बनाना होगा। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि मृत्यु दर को 1 पर्सेंट से भी नीचे लाएं। एक भी मौत हुई तो क्यों हुई? जागरूकता अभियानों में कोई कमी ना आए।”

पीएम मोदी ने कहा, ”आज दुनिया में और देश में वैक्सीन का काम आखिरी दौर में है। भारत सरकार हर डिवेलपमेंट पर नजर रखे हुए है। अभी यह तय नहीं है कि वैक्सीन की एक डोज लेनी होगी या दो, कीमत कितनी होगी। अभी बहुत से सवालों के जवाब नहीं हैं। हम भारतीय डिवलपर्स और मैन्युफैक्चरर्स के साथ संपर्क में हैं। ग्लोबल डिवलपर्स और इंटरनेशल कंपनीज के साथ जितना संपर्क बन सके इसको लेकर व्यवस्था बनी हुई है।”

पीएम मोदी ने कहा, ”कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शुरुआत से ही हमने एक-एक देशवासी की जिंदगी बचाने पर जोर दिया है। कोरोना का टीकाकरण का अभियान लंबा चलना है। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। वैक्सीन को लेकर भारत का अनुभव दूसरे देशों से ज्यादा है। दुनिया में कई दवाएं सालों से प्रचलित होने के बावूजद भी उसके साइड इफेक्ट हैं। भारत जो भी वैक्सीन नागरिकों को देगा वह वैज्ञानिकों के मुताबिक हर कसौटी पर उतरेगा।” 

पीएम मोदी ने कहा, ”हमें कितने कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है इसको लेकर राज्य सरकारों को तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। केंद्र सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया था कि राज्य लेवल पर स्टीयरिंग कमिटी और टास्क फोर्स का गठन किया जाए।” 

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