मध्य प्रदेश के सागर शहर में 60 वर्षीय एक हिन्दू व्यक्ति के अंतिम संस्कार में कथित रूप से कोरोना वायरस के भय से जब उसके पड़ोसी एवं रिश्तेदोरों में से कोई नहीं आया तो मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उसके परिवार की मदद की। यह घटना सागर शहर के रामपुरा वार्ड के निवासी उल्लास बेलापुरकर के निधन के बाद उसके अंतिम संस्कार में शनिवार को हुई।
इस व्यक्ति की कोरोना जांच कराई गई थी, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई है। मृतक के बेटे मधुर बेलापुरकर ने कहा, ”मेरे पिताजी इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ थे। उन्हें हल्का निमोनिया था। मैं उन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गया था और कोरोना की जांच भी कराई। लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही शनिवार की सुबह उनका निधन हो गया।
उन्होंने कहा, ”पिताजी का अंतिम संस्कार करने को लेकर मेरे एवं मेरी मां तथा पत्नी के सामने उस समय संकट पैदा हो गया, जब कोरोना के भय से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मेरे पड़ोसियों व रिश्तेदारों में से कोई भी आगे नहीं आया।” मधुर ने कहा, ”अंतिम संस्कार के समय संकट में मुस्लिम समाज ने मदद की।
मुस्लिम समाज की कब्रिस्तान कमेटी के अध्यक्ष इरशाद खान ने कहा, ”जब इस घटनाक्रम की सूचना मुझे मिली तो मैंने एवं मेरे (मुस्लिम) साथियों ने पीपीई किट पहनकर शव को हिंदू रीति-रिवाज से मुक्तिधाम तक पहुंचाया।”