केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 25वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है। कड़ाके की ठंड भी उनके मकसद को डिगा नहीं पा रही है। वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार उन्हें मनाने की पूरी कोशिश कर रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ किया है कि कानून उनके हित में हैं और इससे उन्हें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। एमएसपी पहले की तरह जारी रहेगी। इसी बीच रविवार को प्रधानमंत्री अचानक दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब पहुंचे। यहां उन्होंने सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि दी। उनका यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले ज्यादातर किसान पंजाब से हैं।
This morning, I prayed at the historic Gurudwara Rakab Ganj Sahib, where the pious body of Sri Guru Teg Bahadur Ji was cremated. I felt extremely blessed. I, like millions around the world, am deeply inspired by the kindnesses of Sri Guru Teg Bahadur Ji. pic.twitter.com/ECveWV9JjR
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
गुरुद्वारा रकाब गंज पहुंचे पीएम मोदी
रविवार सुबह अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में स्थित गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब का दौरा किया। यहां उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि आज गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस है।
श्री गुरु तेग बहादुर जी की दयालुता से प्रेरित हूं
गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज सुबह, मैंने ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में प्रार्थना की, जहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था। मुझे यहां आकर बेहद धन्य महसूस हुआ। मैं, दुनिया भर के लाखों लोगों की तरह, श्री गुरु तेग बहादुर जी की दयालुता से बहुत प्रेरित हूं।’
पीएम मोदी ने जारी की किताब
मोदी सरकार ने सिख समुदाय के साथ अपने बेहतर संबंधों की जानकारी देते हुए एक किताब भी जारी की। इसका शीर्षक ‘प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध’ है। किताब में यह जताने की कोशिश की गई है कि मोदी सरकार का सिखों से कितना गहरा नाता रहा है। तस्वीरों से भरी इस किताब के पहले अध्याय में प्रधानमंत्री के एक महत्वपूर्ण फैसले का जिक्र है। इसमें बताया गया है कि दशकों से लटकी पड़ी दरबार साहिब एफसीआई की मांग सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री ने पूरी की।