किसानों और विपक्षी दलों के लगातार विरोध के बावजूद राष्ट्रपति ने कृषि बिलों को दी मंजूरी

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केंद्र सरकार के द्वारा लाये गए तीन कृषि बिलों को लेकर पंजाब और हरियाणा सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद संसद से पास हुए इन तीनों कृषि बिलों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कृषि बिल अब कानून बन गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार जल्दी ही इसकी अधिसूचना जारी कर सकती है। आपको बता दें कि देश के लगभग 250 से अधिक किसान संगठन और कई राजनीतिक दल कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग कर रहे थे लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।

किसानों और राजनीतिक दलों के लगातार विरोध के बीच राष्ट्रपति ने मॉनसून सत्र में संसद से पास किसानों और किसानी से जुड़े इन बिलों पर अपनी सहमति दे दी है। संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को पहले संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल चुकी है। अब इस पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग चुकी है। ये तीनों विधेयक कोरोना काल में पांच जून को घोषित तीन अध्यादेशों की जगह लेंगे। इन बिलों पर राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद किसान कांग्रेस के संगठन प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने इसे किसानों के लिए ‘काला दिवस’ कहा है।

गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से की थी मुलाकात

इस बीच बुधवार को कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे। विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी । आजाद ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कहा है कि सब राजनीतिक दलों से बात करके ही यह बिल लाना चाहिए था।

अकाली दल के नेताओं ने भी की थी मुलाकात

कृषि विधेयकों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचे नेताओं ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वो राज्यसभा में पास हुए कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर ना करें। हरसिमरत कौर ने कहा था कि उनकी पार्टी के अलावा 18 और विपक्षी दलों ने कृषि विधेयकों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से संपर्क किया है। अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से अनुरोध किया है कि किसान और खेतीहर मजदूर के हित में प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से आह्वान करता हूं कि वे देश के किसानों, कृषि श्रमिकों और कृषि उपज व्यापारियों के हितों की रक्षा करें। अकाली दल अपने आदर्शों से नहीं हटेगा।’

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