मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के प्रचार की समय सीमा समाप्त हुए 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, मगर चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें राज्य के आगामी उप-चुनावों में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द कर करने की बात थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले पर चुनाव आयोग से सवाल किया। बेंच ने पूछा- “चुनाव आयोग के पास यह निर्धारित करने की शक्ति कहाँ है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 77 के तहत किसी पार्टी का नेता कौन होगा?”
कमलनाथ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आयोग द्वारा 26 अक्टूबर को एक एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसके बाद 30 अक्टूबर के आदेश में 13 अक्टूबर को अपने भाषण में कांग्रेस नेता के खिलाफ शिकायत का हवाला दिया गया था, सिब्बल ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का पक्ष मुद्दे पर नहीं सुना गया।आयोग ने कहा था कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च पूरी तरह से उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने एक चुनावी सभा में बीजेपी प्रत्याशी और मंत्री इमरती देवी को आइटम कह दिया था। चारों तरफ से घिरने के बाद पहले तो कमलनाथ ने कहा था कि आइटम को अपमानजनक शब्द नहीं है। उन्होंने कई अजीबो-गरीब तर्क देते हुए कहा कि विधानसभा और संसद में भी आइटम नंबर कहा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह नाम भूल गए थे और लिस्ट में आइटम नंबर 1, 2, 3 करके ही नाम लिखा जाता है। हालांकि, बात में उन्होंने अपने बयान पर खेद भी जताया।