एस एस सी, रेलवे की परीक्षाओं और परिणामों में देर और अंधेर को लेकर छात्रों में है गुस्सा

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कोरोना काल में देश में जेईई-नीट की परीक्षाओं को स्थगित करने को लेकर जहां एक तरफ विद्यार्थी और राजनीतिक पार्टियां केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की ये भी मांग है कि जो रिक्तियां (भर्तियां) निकाली जाती हैं उनकी परीक्षाएं जल्द हों और उनके परिणाम जल्दी आएं।

इसी मांग को लेकर मंगलवार को ट्विटर पर #SpeakUpforSSCRailwayStudents ट्रेंड करने लगा. इस हैशटैग से 30 लाख से भी अधिक ट्वीट किए गए।

दरअसल, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की ख़ास नाराज़गी सर्विस सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) की कंबांइड ग्रैजुएट लेवल (सीजीएल) 2018 की टियर-3 परीक्षा के परिणामों को न घोषित करने को लेकर है।

हालाँकि, मंगलवार को ही एसएससी ने अपनी वेबसाइट पर एक अपडेट में लिखा है कि सीजीएल 2018 यानी ग्रैजुएट लेवल की संयुक्त परीक्षा के नतीजे 4 अक्तूबर को घोषित किए जा सकते हैं।

इसके अलावा विद्यार्थी साल 2019 में आई रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) की नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटिग्रीज़ (एनटीपीसी) पदों की परीक्षा न आयोजित कराने को लेकर भी अपना ग़ुस्सा जता रहे हैं।

एसएससी ने इस पर दिया जवाब

एसएससी ने सीजीएल 2018 को लेकर 4 मई 2018 को विज्ञप्ति जारी की थी, जिसके बाद 4 जून 2019 को टियर-1 की परीक्षा और 29 दिसंबर को टियर-3 की परीक्षा हुई थी।

इसके बाद से इस परीक्षा के परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं। एसएससी सीजीएल 2018 के ज़रिए विभिन्न सरकारी विभागों की 11,271 रिक्तियों को भरा जाएगा।

इन परिणामों को लेकर एसएससी ने 21 अगस्त को एक नोटिस भी जारी किया था जिसमें उसने कहा था कि वह परिणाम जल्द ही जारी करने की कोशिशें कर रहा है.

एसएससी ने कहा, “आयोग उम्मीदवारों को सूचित करना चाहता है कि हाल में कोविड-19 महामारी के कारण काफ़ी कठिनाइयां आई हैं, उसके बावजूद परीक्षा के परिणाम में तेज़ी लाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। आयोग यह सुनिश्चित करने का गंभीर प्रयास कर रहा है कि परीक्षा का परिणाम जल्द से जल्द घोषित किया जाए।”

हालांकि, एसएससी के बयान के बाद भी विद्यार्थी खासे ग़ुस्से में नज़र आ रहे हैं। उनका कहना है कि एसएससी सीएचएसएल और एसएससी एमटीएस के परिणाम भी अटके हुए हैं जबकि एसएससी सीजीएल 2020 का कुछ अता-पता नहीं है।

850 दिन बाद भी नहीं आया रिज़ल्ट’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार भारत के भविष्य को ख़तरे में डाल रही है। उनका अहंकार जेईई-नीट परीक्षा के छात्रों की वास्तविक चिंताओं और एसएससी एवं दूसरे रेलवे की परीक्षा देने वाले छात्रों की मांगों को नज़रअंदाज़ कर रहा है। खाली नारे नहीं बल्कि नौकरी दीजिए।” कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके सवाल किया कि सरकार कब तक युवाओं के धैर्य की परीक्षा लेगी, युवाओं को भाषण नहीं नौकरी चाहिए।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ऋषभ शर्मा ने कहा कि नोटिफ़िकेशन को निकले 850 दिन हो चुके हैं और अब तक एसएससी के परिणाम नहीं आए हैं। कई लोगों ने अपने ट्विटर अकाउंट के नाम के आगे बेरोज़गार भी जोड़ लिया है। एक ऐसे ही ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया कि लगातार हर साल पदों की संख्या कम हो रही है लेकिन उन पर भी समय से भर्ती नहीं हो पा रही है। इसके अलावा इस हैशटैग से काफ़ी मीम्स भी वायरल हो रहे हैं जिसमें छात्र मीडिया को इस मुद्दे को न उठाने और छात्रों से संबंधित मुद्दों के गुम हो जाने जैसी बातों पर मज़ाकिया ट्वीट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर छात्रों का गुस्सा लगातार फूट रहा है।

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