अमेरिका में भी बुरे हालात, भूख से जूझ रहा हर छठवां नागरिक

0
278

कोरोना वायरस महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था, अमेरिका को भी इसकी मार झेलनी पड़ी है। अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। वायरस का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि वहां लोगों ने बड़े पैमाने पर लोगों ने रोजगार गंवाया, जिससे अमेरिका में भूख की समस्या खड़ी हो गई। हालात 2008 में आई आर्थिक मंदी से भी बुरे बताए जा रहे हैं।

भूख से जूझ रहा हर छठवां नागरिक 
अमेरिका की शीर्ष भूख राहत संस्था फीडिंग अमेरिका ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, यहां दिसंबर के अंत में पांच करोड़ से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे। यानी इस दौरान हर छठवां अमेरिकी भूख से जूझ रहा था। बच्चों की स्थिति पर नजर डालें, तो हर चौथा अमेरिकी बच्चा भूखा रहने को मजबूर है।

जून महीने बढ़ रही है जरूरतमंदों की संख्या
जून महीने से ही अमेरिका में खाने के जरूरतमंदों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरऑल पूरे देश में ऐसे जरूरतमंद महामारी से पहले की तुलना में दो गुना बढ़े हैं। वहीं ऐसे जरूरतमंद परिवारों की संख्या, जिनमें बच्चे भी मौजूद हैं, तीन गुना बढ़ी है।

एक महीने में बांटे 54.8 करोड़ खाने के पैकेट 
इसके मद्देनजर फीडिंग अमेरिका नेटवर्क ने एक महीने में लोगों को 54.8 करोड़ खाने के पैकेट बांटे हैं। यह संख्या महामारी शुरू होने से पहले की तुलना में 52 फीसदी अधिक है। खाने के पैकेट लेने के लिए लंबी लाइन लगी। क्रिसमस से पहले संस्था शहर में प्रति वर्ष औसतन 500 लोगों को खाना मुहैया कराती थी। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 8,500 हो गया।

ऐसे की जा रही है लोगों की मदद
खाद्य संकट से निपटने के लिए अमेरिका में लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आए हैं। ब्लैक, एशियन और लैटिन-अमेरिकी समुदाय के लोगों की स्थिति काफी बुरी है। इसके मद्देनजर कई जगह पर लोगों ने कम्युनिटी फ्रिज भी लगाए हैं। यानी जिनके पास खाना नहीं है, वे इन फ्रिज से मुफ्त खाना ले जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए भी लोगों की मदद की जा रही है। न्यूयॉर्क फूड बैंक ने 7.7 करोड़ खाने के पैकेट बांटे, जो किसी अन्य साल की तुलना में 70 फीसदी अधिक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here