DU के प्रिंसिपल मसरूर अहमद बेग पर साहित्यिक चोरी का आरोप, पदोन्नति के लिए चुराया मशहूर अर्थशास्त्री का काम

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज के प्रिंसिपल (शाम के) मसरूर अहमद बेग  (Masroor Ahmed Beg) के खिलाफ साहित्यिक चोरी के आरोप को लेकर यूजीसी के चेयरमैन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर के पास शिकायत दर्ज की गई है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय शिक्षक कॉन्ग्रेस और दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद के सदस्यों ने यूजीसी को एक शिकायत भेजी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मसरूर अहमद बेग ने कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में पदोन्नत होने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और यूजीसी के पूर्व चेयरपर्सन सुखदेव थोराट (Sukhadeo Thorat) के कार्य और अध्ययनों को चोरी किया था। यह शिकायत कई वर्तमान और पूर्व शैक्षणिक परिषद और कार्यकारी परिषद के सदस्यों द्वारा 20 जून को दर्ज की गई थी।

गौरतलब है कि यूजीसी के निर्देशों के अनुसार, प्रिंसिपल के पद पर चयन के लिए, अभ्यर्थी को कम से कम 400 एपीआई स्कोर प्राप्त करने होते हैं। हालाँकि, साथी प्रोफेसरों का आरोप है कि बेग ने अपने काम में हेरफेर करते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्ति पाने के लिए उल्लेख या क्रेडिट दिए बिना अन्य लेखकों के पूरे कामों की नकल की है। शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि बेग ने ‘बेईमानी और धोखेबाजी से’ ये अंक प्राप्त किए हैं।

शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया कि वर्ष 2015 में आरोपित सुखदेव थोराट ने एमयू के प्रोफेसर मशकूर अहमद (सह लेखक) के साथ इस पेपर को तैयार किया था, जिसका शीर्षक था ‘अल्पसंख्यक और गरीबी: कुछ अल्पसंख्यक दूसरों की तुलना में अधिक गरीब क्यों हैं?’

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