BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने FM निर्मला सीतारमन से पूछा- 5 साल में 8% से 3% GDP गिर जाना भी क्या ‘ऐक्ट ऑफ़ गॉड’ है?

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भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के ‘दैवीय घटना’ वाले बयान को लेकर उन पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर पूछा है कि पांच साल में आठ से तीन प्रतिशत GDP भी क्या ‘ऐक्ट ऑफ गॉड’ है?

स्वामी ने ट्वीट किया था, “मुझे यकीन है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने एक बैठक में कहा कि COVID-19 ईश्वर की देन है! मैं जल्द ही वीडियो पोस्ट करूंगा। क्या जीडीपी में वार्षिक वृद्धि दर में वित्त वर्ष 2015 में 8% से (1 Qtr 2020) 3.1% गिरावट (पूर्व C0VID थी) भी भगवान का एक कार्य है?।”

हालांकि, स्वामी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनकी आलोचना की, जबकि कुछ ने सपोर्ट किया। @pramodgoelji ने लिखा- क्या आपने सोनिया सेना ज्वॉइन कर ली है? हम आज कल आपके ट्वीट्स देखकर हैरान रह जाते हैं, जो कि बीजेपी सरकार और उसके मंत्रियों के हर ऐक्शन के विरोध में होते हैं। आपको अंदाज में देखकर अच्छा नहीं लग रहा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘अगर आवश्यक हो तो केन्द्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों के बकाए का भुगतान करे। राज्य सरकारें कर्ज क्यों लें? क्या इसे सहकारी संघवाद कहते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद राज्यों को लूटा जा रहा है। दैवीय कारण बताकर?’’

उन्होंने कई ट्वीट में कहा, ”उद्योगपतियों से मिलीभगत, अक्षमता और असंवेदनशीलता की वजह से महामारी से काफी पहले ही लोगों की आजीविकाएं और जिंदगियां बर्बाद हो गई थीं। अब भगवान को कोसा जा रहा है।’’

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी राजा ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राज्य सरकारों का एक वैध अधिकार है जैसा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी अधिनियम को लागू करते समय वादा किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री का यह कहना कि महामारी ‘दैवीय घटना’ है और इसलिए, मुआवजे का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार उत्तरदायी नहीं है, यह गलत और अनैतिक है।’’

राजा बोले, ‘‘ऐसे समय में जब राज्य सरकारों पर पहले से ही अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण बोझ हैं और महामारी से निपटने की जिम्मेदारियों के कारण अतिरिक्त खर्च के बीच राज्य सरकारों को बाजार से उधार लेने के लिए कहना राज्य के वित्त पर अतिरिक्त वित्तीय देनदारियों को बढ़ा रहा है।’’

दरअसल, वित्त मंत्री सीतारमण ने GST परिषद की 41वीं बैठक के बाद पत्रकारों से कहा था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक ‘दैवीय घटना’ है। इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आएगा।

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