महाराष्ट्र में अब मंदिर खोलने को लेकर सियासत शुरू, राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने-सामने

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महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार के खिलाफ अब मंदिर खोलने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। आज बीजेपी कार्यकर्ताओं के सिद्धि विनायक मंदिर के सामने प्रदर्शन के बाद राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने भी बंद पड़े धर्मस्‍थलों को खुलवाने को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है। इस पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने जवाब देते कहा है कि जिस तरह से एकदम से लॉकडाउन लगाना उचित नहीं था, उसी तरह से उसे पूरी तरह से समाप्‍त करना भी ठीक नहीं है। उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी ऐसे मामलों पर राज्यपाल की ‘अतिसक्रियता’ को लेकर निशाना साधा है।

इससे पहले महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर राज्‍य में कोरोना की वजह से बंद पड़े धर्मस्‍थलों को खुलवाने पर विचार करने कहा था। साथ ही राज्‍यपाल ने तंज कसते हुए यहाँ तक कह दिया कि- क्‍या उद्धव को ईश्‍वर की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि धर्मस्‍थलों को दोबारा खोले जाने को टालते रहा जाए या फिर वह सेक्‍युलर हो गए हैं?

राज्यपाल कोश्यारीर ने पत्र में आगे लिखा है कि दुर्भाग्‍य है कि उस मशहूर ऐलान के चार महीने बाद भी आपने एक बार फिर पूजा स्‍थलों पर लगा बैन बढ़ा दिया है। यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार, रेस्टोरेंट ओर समुद्री बीच खोल दिए हैं वहीं दूसरी तरफ देवी-देवता लॉकडाउन में रहने को अभिशप्‍त हैं।

कोश्‍यारी ने कहा है, ‘आप हिंदुत्‍व के सशक्‍त पैरोकार रहे हैं। मुख्‍यमंत्री बनने के बाद अयोध्‍या जाकर आपने श्रीराम के प्रति अपने समर्पण को सार्वजनिक किया। आप अषाढ़ी एकादशी को पंढरपुर के विट्ठल रुक्मिणी मंदिर गए और पूजा की। पर मुझे हैरानी है कि क्‍या धर्मस्‍थलों का खोलना टालते जाना है… क्‍या कोई ऐसा देव आदेश आपको मिला है, या फिर आप अचानक ‘सेक्‍युलर’ हो गए हैं, जिस शब्‍द से आपको नफरत थी?

राज्यपाल पर उद्धव का पलटवार

राज्यपाल को जवाब देते हुए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि जैसे अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था। एक बार में इसे पूरी तरह से रद्द करना भी अच्छी बात नहीं होगी। उद्धव ने खुद को सेक्युलर कहे जाने पर राज्यपाल पर पलटवार करते हुए कहा कि हां मैं हिंदुत्व का अनुसरण करता है, मेरे हिंदुत्व को आपसे सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।

‘संविधान का पालन करने के लिए तैयार नहीं राज्यपाल’

राज्यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी के सवाल पर शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार संविधान में बताए गए धर्मनिरपेक्षता शब्द के वास्तविक अर्थ को ध्यान में रखते हुए गंभीर है। सरकार Covid-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है। ऐसे में राज्यपाल का पत्र साबित करता है कि वह भारत के संविधान का पालन करने के लिए तैयार नहीं हैं।

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