पीएम नरेंद्र मोदी ने किया ‘स्वामित्व योजना’ का शुभारंभ, जानिए इससे जुड़ी हर जरुर जानकारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वेक्षण और बेहतर प्रौद्योगिकी वाले गांवों में ‘स्वामित्व योजना’ के तहत संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ किया। केंद्र सरकार की ‘स्‍वामित्‍व योजना’ के तहत ग्रामीण भारत में लोगों को उनकी जमीन के मालिकाना हक का सबूत एक कार्ड के रूप में मिलेगा। वह इस कार्ड का इस्‍तेमाल बैंक से कर्ज और अन्‍य वित्‍तीय फायदों के लिए कर सकेंगे। इस दौरान एक लाख भू-संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर SMS से प्राप्त होने वाले लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। लगभग 132,000 जमींदारों को कार्ड सौंपे जाएंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं। लाभार्थी उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो सहित कुल 763 गांवों के हैं।

क्‍या है ‘स्‍वामित्‍व’ योजना?
केंद्र सरकार की यह योजना राष्‍ट्रीय पंचायती दिवस (24 अप्रैल), 2020 को लॉन्‍च की गई थी। पंचायती राज मंत्रालय ही इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है। राज्‍यों में योजना के लिए राजस्‍व/भूलेख विभाग नोडल विभाग हैं। ड्रोन्‍स के जरिए प्रॉपर्टी के सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी है। योजना का मकसद है कि ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्‍नोलॉजी के जरिए हो। इससे ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा। वह इसका इस्‍तेमाल बैंकों से कर्ज लेने के अलावा अन्‍य कामों में भी कर सकते हैं।

क्‍यों पड़ी इस योजना की जरूरत?

देश की 60% आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। लेकिन अधिकतर ग्रामीणों के पास अपने घरों के मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं। अंग्रेजों के समय से ही गांवों की खेतिहर जमीन का रिकॉर्ड तो रखा गया, लेकिन घरों पर ध्‍यान नहीं दिया गया। कई राज्‍यों में गांवों के रिहाइशी इलाकों का सर्वे और मैपिंग संपत्ति के सत्‍यापन के लिहाज से नहीं हुआ। नतीजा ये हुआ कि कई घरों के संपत्ति के कागजात मौजूद नहीं हैं। इसी कमी को दूर करने के लिए ‘स्‍वामित्‍व’ योजना लाई गई।

कैसे काम करेगी ‘स्‍वामित्‍व’ योजना?

‘स्‍वामित्‍व’ योजना के तहत गांवों की आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी। ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्‍शा तैयार होगा। साथ ही हर रेवेन्‍यू ब्‍लॉक की सीमा भी तय होगी। यानी कौन सा घर कितने एरिया में है, यह ड्रोन टेक्‍नोलॉजी से सटीकता से मापा जा सकेगा। गांव के हर घर का प्रॉपर्टी कार्ड राज्‍य सरकारें बनाएंगी।

क्‍या फायदा होगा?

  • प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा।
  • एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे।
  • प्रॉपर्टी कार्ड का इस्‍तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा।
  • पंचायती स्‍तर पर टैक्‍स व्‍यवस्‍था में सुधार होगा।

केंद्र सरकार को योजना से क्‍या हासिल?

  • ग्रामीण भारत में वित्‍तीय स्थिरता लाने की कोशिश।
  • प्‍लानिंग के लिए सटीक लैंड रिकॉर्ड्स उपलब्‍ध होंगे।
  • प्रॉपर्टी टैक्‍स तय करने में मदद मिलेगी।
  • सर्वे इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍सर और GIS मैप्‍स तैयार होंगे जो कोई भी विभाग यूज कर पाएगा।
  • ग्राम पंचायत विकास योजना बनाने में मदद होगी।
  • प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद और कानूनी मामले कम होंगे।

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