यूपी के फतेहपुर में शिक्षिका की दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका, हाथरस जैसी ग़लती फ़िर से ?

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यूपी में बेटियों पर अत्यचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। फतेहपुर में एक शिक्षिका की हत्या और दुष्कर्म की आशंका के बीच जिले की पुलिस हाथरस जैसी गलती दोहराने जा रही थी। जिस तरह हाथरस में पुलिस ने अंतिम संस्कार में जल्दबाजी दिखाई वैसी ही जल्दबाजी पुलिस ने यहां भी दिखाने का प्रयास किया। परिजन और ग्रामीण जैसे ही शव को गांव ले जाने को हुए पुलिस ने उन्हें रोक दिया और शव को भिटौरा घाट ले जाने के लिए कहा।

मुकदमे में दुष्कर्म की धारा न जोड़ने और एक आरोपी ही गिरफ्तार करने से पहले से नाराज परिजन पुलिस की यह बात सुनकर भड़क गए और पोस्टमार्टम हाउस में ही हंगामा करने लगे। हंगामे की आशंका पर पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस में पहले से ही पीएसी और भारी फोर्स तैनात कर दी थी।

एएसपी राजेश कुमार ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया तो वह नारेबाजी करने लगे। गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करो, हत्यारों को फांसी दो और बेटी को इंसाफ दिलाओ जैसेे नारे लगाए। मामला बढ़ता देख पुलिस आखिर में बैकफुट पर आ गई और शव को गांव ले जाने की की स्वीकृति दे दी।

गांव से पुलिस के भरोसे के बाद सुबह सात बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। सुबह 11 बजे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद परिजन शव को गांव ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस सीधे भिटौरा घाट में अंतिम संस्कार कराने पर अड़ गई।

पुलिस की इस जिद ने ग्रामीणों में उसके प्रति संदेह पैदा कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों में चर्चा होने लगी कि पुलिस हाथरस की तरह यहां भी अंतिम संस्कार कराकर किसी तरह मामले को निपटाने में लगी है। यही वजह रही परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया।

उधर, पुलिस ने भिटौरा गंगा घाट को खाली कराके फोर्स के हवाले कर दिया। बाकायदा इसकी कमान सीओ सदर को सौंपी गई थी। इस बात की ताकीद पोस्टमार्टम हाउस में गूंजे पुलिस के वायरलेस मैसेज से भी हुई। पुलिस के फैसले को लेकर यहां भी ग्रामीण भड़क उठे।

देखते ही देखते पोस्टमार्टम हाउस में हमे न्याय चाहिए, हमारी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ है और हत्यारों को फांसी दो जैसे नारे गूंजने लगे। हालात भांपकर एएसपी राजेश कुमार की अगवाई में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ दो ट्रक पीएसी बुला ली गई। पुलिस व पीएसी की भारी मौजूदगी के बावजूद ग्रामीण नारेबाजी करते रहे। लोगों की नाराजगी को भांपते हुए पुलिस को आखिरकार अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा तब जाकर हल्ला शांत हो सका।

13 बार हुई थी आरोपी से मोबाइल पर बातचीत

पुलिस ने शिक्षिका का मोबाइल अपनी सुपुर्दगी में लेकर कॉल डिटेल खंगाली जिसके बाद पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। शिक्षिका के एक नंबर पर 13 बार बात करने की सच्चाई सामने आई। इसी के बाद पुलिस ने पड़ोसी गांव मकनपुर के आरोपी युवक को उसी के घर से उठा लिया। हिरासत में आरोपी ने गला दबाकर हत्या की बात स्वीकारी। बताया कि शोर मचाने पर उसने हत्या की।

छह दिसंबर को होनी थी शादी

शिक्षिका का इसी छह दिसंबर को विवाह होना था। बड़ा गांव के एक युवक से विवाह तय हुआ था। लड़की की मां ने बताया कि बिटिया के विवाह को लेकर तरह-तरह के सपने देखे थे। पता नहीं इन सपनों को किसकी नजर लग गई और उनकी बिटिया को उनसे हमेशा के लिए दूर कर दिया गया। रोते-रोते बस इतना ही कहते ही मां बेहोश हो गई।

25 लाख मुआवजा दिलाने का दिया आश्वासन

मृतका के परिजनों को एडीएम ने आश्वासन दिया है कि वह उन्हें 25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने का प्रयास करेंगे। वह अपनी रिपोर्ट डीएम के जरिए शासन को भेजेंगे। इसके अलावा एडीएम ने लिखकर दिया कि मुकदमे में जो भी संभव होगा सभी धाराओं को बढ़ाया जाएगा। मुकदमे से संबंधित किसी भी अभियुक्त को नहीं छोड़ा जाएगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलवाकर मुल्जिमों को सजा दिलाई जाएगी। एडीएम ने यह सारी बातें लिखित तौर पर दीं तब जाकर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हो सका।

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