मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ पर दर्ज एफआईआर को लेकर सियासत तेज

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भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर दर्ज एफआईआर भी अब सियासत का हिस्सा बनती जा रही है। कांग्रेस की ओर से इसे बीजेपी सरकार की दोगली कार्रवाई के आरोपों के बीच अब कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी ट्वीट कर इसमें कूद पड़े हैं। उन्होंने कमलनाथ का नाम एफआईआर में डालने को अन्याय बताते हुए चुनाव आयोग और सीएम शिराज सिंह चौहान से यह पूछा है कि अभी तक किस भाजपा के सीनियर लीडर पर नामज़द एफआईआर दर्ज हुई है?


तन्खा ने अपने ट्वीट में गृह मंत्रायलय की ओर से गुरुवार को जारी नई गाइडलाइन्स की कॉपी भी साझा की है। साथ ही ये सवाल उठाया है कि आज से रूल को बदलने से पूर्व में अफ़सरों का एक पक्षीय रवैया ख़त्म नहीं होगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनावी सभाओं के दौरान भीड़ को लेकर चुनाव आयोग की नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। इनमें अब चुनावी रैलियों के लिए सिंधिया और सचिन पायलट जैसे स्टार प्रचारकों की संख्या को 40 से घटाकर 30 लोगों तक कर दिया गया हैं तो वहीं खुले में होने वाली चुनावी सभा में शामिल भीड़ को अब अनलिमिट कर दिया गया है। यानी अब पहले तय 100 लोगों की भीड़ की सीमा समाप्त कर दिया गया है।

ये है मामला

दतिया के भांडेर में कांग्रेस की चुनावी रैली में नियमों के उलट अधिक भीड़ जुटाने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया सहित 9 पार्टी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 5 अक्टूबर को हुई इस सभा में 100 लोगों के मौजूद रहने की अनुमति प्रशासन ने दी थी, लेकिन इससे कई गुना ज्यादा लोग वहां पहुंचे थे। प्रशासन ने इसे कोरोना गाइडलाइन के विरुद्ध मानते हुए कानून कार्रवाई की।

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