नोबल शांति पुरस्कार-2020 वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को दिया गया है। नोबेल समिति ने कहा कि सैन्य संकट और अन्य मुश्किल वक्त के बीच दुनिया में बड़े पैमाने पर जरूरतमंदों को खाना खिलाने और मदद करने के लिए वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) को शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। आपको बता दें कि पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली (Abiy Ahmed Ali) को देने की घोषणा की गई थी। यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए दिया गया था। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने वर्ष 2019 में 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों तक खाना पहुंचाया। डब्ल्यूएफपी दुनियाभर में भूख को मिटाने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा संगठन है।
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The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2020 Nobel Peace Prize to the World Food Programme (WFP).#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/fjnKfXjE3E— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 9, 2020
इससे पहले, इस बार रसायव विज्ञान और भौतिक समेत कई क्षेत्रों में नोबल पुरस्कार का ऐलान किया जा चुका है। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में इस बार जीनोम एडिटिंग’ की एक पद्धति विकसित करने के लिए इस वर्ष का पुरस्कार फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए और अमेरिका की जेनिफर डाउडना को दिया गया है। दोनों महिला विज्ञानियों ने अहम टूल ‘सीआरआइएसपीआर-सीएएस9’ को विकसित किया है। इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।
इससे पहले ब्लैक होल संबंधी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। ब्रिटेन के रॉजर पेनरोज को ब्लैकहोल संबंधी खोज के लिए और जर्मनी के रीनहार्ड गेंजेल और अमेरिका की एंड्रिया गेज को आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। वहीं, मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों- हार्वे जे ऑल्टर और चार्ल्स एम राइस और ब्रिटेन में जन्मे वैज्ञानिक माइकल हफटन को देने की घोषणा की गई।
इस बार, अटकलें लगाई जा रही थी कि इस साल का शांति पुरस्कार जलवायु कार्यकर्ता एवं स्वीडन की नागरिक ग्रेटा थनबर्ग, नर्व एजेंट हमले से उबर रहे रूस के नेता अलेक्सेई नवलनी और कोरोना वायरस संकट से निपटने में भूमिका के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन में से किसी को दिया जा सकता है। नवलनी ने अपने ऊपर हमले के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाया है।
इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी मानना था कि उन्हें यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए। इस पुरस्कार के लिए 318 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 211 व्यक्ति और 107 संगठन शामिल थे। नामांकन के लिए अंतिम समय सीमा एक फरवरी थी। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.27 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है।
स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। इससे पहले, रसायन विज्ञान और भौतिकी सहित कई क्षेत्रों में इस साल के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जा चुकी है। शांति एवं अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार की घोषणा अभी बाकी है।
नोबेल पुरस्कार क्या है–
स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की 5वीं पुण्यतिथि से हर साल 10 दिसबंर को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदानों पर नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। नोबेल ने विस्फोटक डायनामाइट का अविष्कार किया था। अपने अविष्कार के युद्ध में इस्तेमाल होने की वजह से वह काफी दुखी थे। इसी के प्रायश्चित के रूप में उन्होंने अपनी वसीयत में नोबेल पुरस्कारों की व्यवस्था की थी। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा एक फंड में रखा जाए और उसके सालाना ब्याज से मानवजाति के लिए उत्कृष्ट योगदान देने वालों को पुरस्कृत किया जाए।