लगातार एक के बाद एक अपराध की घटनाओं के कारण योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। जहाँ हाल में उत्तर प्रदेश हाथरस रेप केस को लेकर विवाद का केंद्र बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ यूपी में बेरोजगारी पर भी चिंता पैदा करने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तमाम दावों के बावजूद सरकार की ओर से ही आया ये बेरोजगारी का आँकड़ा बदहाल स्थिति को दर्शाता है। 2018 की तुलना में 2019 में, यूपी में बेरोजगारी दर दोगुना हो गई है। ये जानकारी यूपी सरकार की तरफ से ही साझा की गई है। कांग्रेस विधायक और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बेरोजगारी पर विधानसभा में यूपी के श्रम और रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से सवाल किया था जिसका संबंधित विभाग की तरफ से जवाब दिया गया है।
2018 की तुलना में बढ़ी बेरोजगारी दर
इस जवाब में बताया गया है कि CMIE की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी दर 2018 में 5.92 प्रतिशत थी, जबकि 2019 में बेरोजगारी दर 9.97 प्रतिशत रही। यानी 2018 से तुलना की जाए तो 2019 में यूपी में बेरोजगारी दर लगभग दोगुनी हो गई है। ये आंकड़े इसलिए भी ज्यादा चौंकाने वाले हैं क्योंकि ये कोरोना काल से पहले के हैं। देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते इसी साल मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था जिसका अर्थव्यवस्था से लेकर रोजगार पर बड़ा असर पड़ा, लेकिन यूपी सरकार ने बेरोजगारी की दर के जो आंकड़े शेयर किए हैं वो इससे काफी पहले के हैं।
हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार विकास और रोजगार के दावे किए जाते रहे हैं। हाल ही में हाथरस की घटना पर चौतरफा घिरी यूपी सरकार को बचाने के लिए जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामने आए तो उन्होंने कहा कि हाथरस के बहाने दंगा भड़काने की साजिश की जा रही है और ये वो लोग हैं जो विकास नहीं चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने यूपी में लगातार रोजगार देने की भी बात कही थी लेकिन सरकार की ओर से ही आया बेरोजगारी का ये आंकड़ा सरकार के तमाम दावों के पोल खोल रहा है।