संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले PM मोदी ने कहा- जवानों के साथ एकजुट खड़ा है संसद

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संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- संसद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर खड़े हमारे सैनिकों के पीछे एक स्वर और भाव में खड़ा है। आपको बता दें कि विपक्ष काफी समय से सरकार पर इस बात को लेकर हमलावर है कि सरकार चीन के सामने कूटनीतिक कमजोरी दिखा रही है। प्रधानमंत्री के ‘हमारी सीमा में कोई नहीं घुस आया..’ वाले बयान पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई थी और यह कहा था कि प्रधानमंत्री का ये बयान वैश्विक बिरादरी में चीन के लिए ढाल का काम कर रहा है जबकि भारत की स्थिति कूटनीतिक तौर पर इससे कमजोर हो रही है। चीन हमारे प्रधानमंत्री के इसी बयान का फायदा उठाकर हम पर ही सीमा अतिक्रमण का झूठा आरोप लगा रहा है। जबकि सच्चाई ये है कि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और बार-बार अतिक्रमण का प्रयास कर रहा है।

इसी बात को लेकर अब विपक्ष सदन के भीतर भारत-चीन सीमा पर वर्तमान स्थिति के बारे में सरकार से विवरण चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विश्वास जताया कि संसद एक स्वर में यह संदेश देगी कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों के साथ एकजुटता से खड़ी है।

संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को दिये आने बयान में मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि भातीय सैनिक कठिन पहाड़ी इलाकों में बहादुरी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी, जितनी चर्चा होगी, उतना ही अच्छा है। उन्होंने कहा, ” मुझे विश्वास है कि सभी सांसद सामूहिक रूप से कई विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।

विपक्ष का पक्ष

इस पर प्रधानमंत्री को जवाब देते हुए, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम सभी सैनिकों के साथ हैं। हालांकि, सरकार को संसद को बताना चाहिए कि सीमा पर क्या स्थिति है।” इसके अलावा कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंनें कहा कि संसद सत्र विशेष परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है और सांसदों ने कोरोना काल में अपनी जिम्मेदारी निभाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए सभी उपाय अपनाये जायेंगे। वायरस का टीका मिलने तक कोई ढिलाई नहीं बरती जा सकती है।

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