ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पर कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई। मंगलवार को कांग्रेस ने कहा कि इस लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। ट्विटर को धमकाया जाता था कि अगर किसानों को दिखाओगे तो भारत में बोरिया-बिस्तर समेट देंगे।
ट्विटर के फाउन्डर और पूर्व CEO जैक डोर्सी ने खुलासा किया है कि मोदी सरकार ने उन्हें धमकाया- अगर किसान आंदोलन दिखाया तो ट्विटर के ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर छापे पड़ेंगे। ट्विटर को भारत में बैन कर दिया जाएगा।
जब देश के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे, तो PM मोदी उनकी आवाज… pic.twitter.com/QXlND0uhav
— Congress (@INCIndia) June 13, 2023
छापेमारी की धमकी दी
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी में मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी किया जा रहा है। जब तीन काले कृषि कानून आए थे। जब किसानों का दमन किया जा रहा था। जब किसान एक साल से अधिक समय तक जाड़ा, गर्मी, बरसात, ओले हर परिस्थितियों में डटे हुए थे। जब किसान काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे तब बजाए समाधान ढूंढने के उन्हें मवाली, खालिस्तानी, पाकिस्तानी, आतंकी तो कहा ही जा रहा था साथ-साथ ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म को धमकाया भी जा रहा था। उन्हें कहा जा रहा था कि अगर किसानों को दिखाया तो भारत में आपका बोरिया-बिस्तर हम समेट देंगे और आपके खिलाफ छापेमारी की जाएगी।
LIVE: Congress party briefing by Ms @SupriyaShrinate at AICC HQ. https://t.co/GUkhx5sGPK
— Congress (@INCIndia) June 13, 2023
कांग्रेस पर भी सरकार ने आरोप लगया था
श्रीनेत ने निशाना साधते हुए आगे कहा कि सरकार तब तक शांत रही जब तक 700 किसान दिल्ली में शहीद नहीं हो गए। चुनावी नफा-नुकसान देखते हुए सरकार ने काले कानूनों को वापस लिया। भाजपा नेताओं ने बरगलाने के लिए टूलकिट का मामला उठा दिया। आरोप लगाया कि कांग्रेस टूलकिट का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि, उस टूलकिट को ट्विटर ने मैनिपुलेटेड मीडिया कहा था। इसके बाद 24 मई 2021 को ट्विटर के दफ्तरों, अधिकारियों के आवास पर छापे पड़ गए। अब समझ आता है कि यह सब किसान आंदोलन को दबाने के लिए किया गया था। सुप्रिया का आरोप है कि सरकार के कहने पर राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर भी छह महीने के लिए रोक लगाई गई थी। राहुल गांधी हमेशा कहते हैं देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। डोर्सी की टिप्पणी से यह बात प्रमाणित हो जाती है।
जब देश के अन्नदाता अपने हक और इंसाफ़ के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहे,
मोदी सरकार के अत्याचार और मौसम की मार सहते, 700 से अधिक किसान शहीद हो गए !
तब ‘डरपोक तानाशाह’ डराने-धमकाने..आवाज़ दबाने की साजिशें करता रहा !
‘काले कानून’ तो वापस लेने पड़े,
मगर ‘काली करतूतों’ का खुलासा… https://t.co/RaBAxkwIsR— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 13, 2023
अब जानिए, क्या बोले थे जैक डोर्सी
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक यूट्यूब चैनल ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स’ को इंटरव्यू दे रहे थे। इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए। इन्हीं सवालों में एक सवाल था कि क्या कभी किसी सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई? इसके जवाब में डोर्सी ने बताया कि ऐसा कई बार हुआ और फिर डोर्सी ने भारत का उदाहरण दिया। अपनी बात को विस्तार में बताते हुए डोर्सी ने कहा कि सरकार की तरफ से उनके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की बात कही गई। साथ ही नियमों का पालन नहीं करने पर ऑफिस बंद करने की भी धमकी दी गई। डोर्सी ने कहा कि यह सब भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हुआ।
अब जानिए, सरकार ने आरोपों पर क्या कहा
जैक डोर्सी के आरोपों पर सरकार ने पलटवार किया है। भारत के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए जैक डोर्सी के आरोपों को झूठा करार दिया है। चंद्रशेखर ने लिखा कि यह ट्विटर के इतिहास के उस धुंधले दौर को साफ करने की कोशिश है, जब ट्विटर डोर्सी के कार्यकाल में लगातार भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा था। साल 2020 से लेकर 2022 तक ट्विटर ने भारतीय कानूनों के मुताबिक काम नहीं किया और जून 2022 से भारतीय कानूनों का पालन शुरू किया। किसी को भी जेल नहीं हुई और ना ही ट्विटर को बंद किया गया। डोर्सी के कार्यकाल के दौरान ट्विटर को भारत की संप्रभुता और भारतीय कानूनों को स्वीकार करने में समस्या थी।
विशेष रिपोर्ट-
अजय क्रांतिकारी
‘पॉलिटिकल एडिटर’ -ELE India News