भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग, जांच के लिए टीम गठित !

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासनिक कार्यालय सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग पर काबू पा लिया गया है। मौके पर मौजूद भोपाल के जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सीआईएसएफ, सेना और अन्य एजेंसियों ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया और इस पर काबू पा लिया गया है।

इससे पहले, देर रात मौके पर पहुंचे भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि आग की लपटों पर काबू पा लिया गया है, लेकिन बिल्डिंग से अभी भी कई जगहों से धुएं का गुबार उठ रहा है। जिससे बाद में आग पकड़ने की आशंका है, इसलिए सभी टीमें लगातार काम कर रही हैं ताकि कोई खतरा न रहे। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता नहीं है। जांच लगने के कारणों को लेकर उन्होंने कहा कि शुरुआती तौर पर यह बात सामने आई है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट है, लेकिन इसकी जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित कर दी गई है।

मध्य प्रदेश सरकार के प्रमुख प्रशासनिक कार्यालय में आग लगने से बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण दस्तावेज और फर्नीचर जल गए हैं। 30 से ज्यादा एसी में ब्लास्ट होने की बात कही जा रही है। कांग्रेस ने आग लगने की टाइमिंग पर सवाल किए हैं। आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार की चला-चली की बेला है। इस वजह से आग लगाकर घोटालों की फाइलें जलाई गई हैं। वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आग लगने की घटना की जानकारी दी है। उन्होंने आग बुझाने के लिए वायुसेना की मदद मांगी। इसके बाद रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स को निर्देशित किया। रक्षा मंत्री के निर्देश पर एएन 32 विमान और एमआई 15 हेलिकॉप्टर देर रात भोपाल भेजे गए।

जानकारी के मुताबिक आग सोमवार को करीब चार बजे लगी। आग की शुरुआत अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना के दफ्तर से हुई। फिर चौथी मंजिल पर स्थित स्वास्थ्य संचालनालय को भी इसने अपनी चपेट में ले लिया। पहले तो कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन काबू नहीं हो सकी। एसी में ब्लास्ट हुए, जिससे आग तेजी से फैली। आग की वजह से पूरी इमारत में हड़कम्प मच गया। सीआईएसएफ और एसडीईआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। आग के कारणों का पता नहीं चल सका है। अधिकारियों ने कहा कि पहले आग बुझाने का काम होगा, फिर नुकसान का आकलन हो सकेगा। सतपुड़ा भवन में तीन आईएएस अफसर बैठते हैं। कई विभागों के यहां संचालनालय हैं।  

पीएम मोदी ने ली घटना की जानकारी, हरसंभव मदद का दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से फोन पर चर्चा कर सतपुड़ा में दुर्भाग्यपूर्ण आगजनी की घटना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को आग बुझाने के प्रदेश सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों (आर्मी, एयरफोर्स, भेल, सीआईएएसएफ, एयरपोर्ट एवं अन्य) से मिली मदद से भी अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। 

गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा
मुख्यमंत्री चौहान ने गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर चर्चा कर सतपुड़ा भवन में आग की घटना की जानकारी दी एवं आवश्यक मदद मांगी। सतपुड़ा के जिन मंजिलों में आग लगी है, वहां मूलतः तीन विभाग हैं, आदिम जाति कल्याण विभाग, परिवहन विभाग और स्वास्थ्य विभाग। तीसरी, चौथी, पांचवीं व छठवीं मंजिल में इनमें से किसी भी विभाग का टेंडर, प्रैक्योरमेंट संबंधित कोई भी कार्य नहीं होता है। मूलतः यहां स्थापना संबंधित विभागीय कार्य होते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी सतपुड़ा जाने के लिए कहा। 

एयरफोर्स की मदद मांगी
इधर मुख्यमंत्री शिवराद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की। उन्होंने आग बुझाने के लिए एयरफोर्स की मदद मांगी। रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स को निर्देशित किया। रक्षा मंत्री के निर्देश पर आज रात एएन 32 विमान और एमआई 15 हेलीकॉप्टर भोपाल पहुंचेंगे। ये विमान बकेट द्वारा सतपुड़ा भवन में ऊपर से पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास करेंगे। भोपाल एयरपोर्ट रात भर खुला रहेगा। 

कमेटी बनाई
मुख्यमंत्री चौहान ने आग के प्रारंभिक कारणों को जानने के लिए कमेटी घोषित की है। कमेटी में एसीएस होम राजेश राजौरा, पीएस अर्बन नीरज मंडलोई, पीएस पीडब्ल्यूडी सुखबीर सिंह और एडीजी फायर रहेंगे। कमेटी जांच के प्रारंभिक कारणों का पता कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री चौहान को सौंपेगी।

घोटालों की फाइलें जली
सूत्रों का दावा है कि स्वास्थ्य विभाग के कई मामलों की शिकायत ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त को हुई थी। इनसे जुड़ी जांच की फाइलों को भी आग से नुकसान पहुंचा है। इसी तरह आदिम जाति विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जले हैं। स्वास्थ्य विभाग में कुछ महीनों पहले रिनोवेशन का काम हुआ था। पुरानी अलमारियों और फर्नीचर को निकाला गया था, जिसे आग ने पूरी तरह नष्ट कर दिया। 

तीसरी मंजिल को सबसे अधिक नुकसान

आदिम जाति विभाग के दफ्तर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। आग तीसरी मंजिल पर ही लगी थी। आग की लपटों की वजह से फर्नीचर पूरी तरह से जल गया। पांचवें और छठी मंजिल पर रखा सामान भी जला है। प्लास्टर टूटकर गिर गया है। पूरी इमारत में मधुमक्खियों के पुराने छत्ते हैं। इस वजह से छत्तों से मधुमक्खियों के उड़ने की दहशत भी थी।

पहली नहीं है आग

सतपुड़ा भवन में इससे पहले भी आग लग चुकी है। 25 जून 2012 में भी चौथी मंजिल पर आग लगी थी। तब यहां तकनीकी शिक्षा विभाग का दफ्तर था। यह आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। कांग्रेस का आरोप है कि 2020 में कमलनाथ की सरकार गिराने के लिए भाजपा नेताओं ने एक केंद्रीय मंत्री से 1250 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसे चुकाने के लिए कोरोना काल में विभिन्न उपकरणों, दवा और अन्य खरीदी में भ्रष्टाचार कर धन एकत्र किया गया। इन्हीं फाइलों को आग में जला दिया गया है। 

कांग्रेस ने उठाए आग की टाइमिंग पर सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सतपुड़ा भवन में लगी आग पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रियंका गांधी जी ने जबलपुर में “विजय शंखनाद रैली” में घोटालों को लेकर हमला बोला तो सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई। इसमें महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गई है। कहीं आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साज़िश तो नहीं। यह आग मप्र में बदलाव के संकेत दे रही है। पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि पचास प्रतिशत कमीशन वाली सरकार ने अपने दस्तावेज जला दिए। सितंबर 2018 में भी सतपुड़ा भवन में भी आग लगी थी। सर्वे कांग्रेस के पक्ष में है। आम लोगों में राय है कि कांग्रेस की सरकार आ रही है। साफ है कि भ्रष्टाचार छिपाने के लिए आग लगी है। मेरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा सवाल है – यह आग लगी है या लगाई गई है? आम तौर पर माना जाता है कि चुनाव से पहले सबूत मिटाने के लिए सरकार ऐसी ‘हरकत’ करती है! हार रही है भाजपा। अब यह भी बताए कि पुराने ‘अग्निकांड’ में दोषी कौन थे? किसे/कितनी सजा मिली?

सतपुड़ा भवन की आग पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

  • 16 हजार फाइलें जलकर नष्ट हुईं, यह आंकड़ां कहां से आया? किसने आग के बीच में इन फाइलों को गिना या किसके निर्देश पर उसने ऐसा किया? 
  • दूसरी मंजिल में लगी आग आखिर बहुप्रचारित सुसज्जित दमकलों के बावजूद कुछ घंटों बाद छठवीं मंजिल तक कैसे पहुंची? उसे बुझाने के प्रबंधन नहीं थे। सेना को बुलाना पड़ा। इससे स्पष्ट है कि अन्य जिलों में फायर सेवाओं की स्थिति क्या होगी? 
  • क्या कारण है कि प्रदेश में जब से शिवराज सरकार काबिज हुई है, आग सिर्फ और सिर्फ मलाईदार मंत्रालयों में ही, वह भी आसन्न विधानसभा चुनाव के पूर्व ही क्यों लगती है? लोकसभा चुनाव के पूर्व क्यों नहीं? यहीं नहीं मुख्यमंत्री निवास और चार इमली क्या फायर प्रुफ अट्टालिकाएं हैं? 
  • अब तक जितने भी विभागों में आग लगी है उनका संबंध व्यापमं, परिवहन, स्वास्थ्य, आयुष्मान, एनएचएम और कोरोना काल के दौरान हुए घपलों-घोटालों से ही क्यों रहा है? इन मंत्रालयों और आग के बीच प्रेम प्रसंग का कारण क्या है? 
  • क्या सरकार इन प्रायोजित आग की लपटों की आड़ में अपने द्वारा किए गए घपलों-घोटालों और महाभ्रष्टाचार को छुपाना चाहती है? 
  • आग बुझाने में असफल सरकार की प्राथमिकता सेना को बुलाने की होनी थी या आग के कारणों की जांच समिति बनाने की! इस जल्दबाजी के कारण क्या है?

  • विशेष रिपोर्ट-
  • प्रकाश बारोड़
  • ‘सह-संस्थापक’
  • एवं ‘स्टेट ब्यूरो चीफ’- मध्य प्रदेश

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