चुनाव से पहले राजनीति दलों में नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आने-जाने का सिलसिला शुरू

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मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति दलों में नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को दिग्विजय सिंह के गढ़ राजगढ़ से मोना सुस्तानी और रैगांव से बसपा से पूर्व विधायक उषा चौधरी को भाजपा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। वहीं, ब्राह्माणों पर टिप्पणी के बाद निष्कासित प्रीतम लोधी की घर वापसी कराई गई। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा के समक्ष तीनों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद तीनों नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सौजन्य भेंट की।

मोना के ससुर दो बार विधायक रह चुके

मोना सुस्तानी ने 2019 में राजगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था। सुस्तानी दो बार जिला पंचायत और एक बार जनपद सदस्य रही है। मोना के ससुर गुलाब सिंह सुस्तानी दो बार विधायक रहे है। मोना नाथरा प्रथा के खिलाफ भी समाज सुधार का काम करती है। उन्होंने भाजपा ज्वाइंन करने पर कहा कि कांग्रेस में विकास के कार्य करने के मौके नहीं मिल पा रहे थे। राजगढ़ से चुनाव लड़ने को लेकर बोली कि पार्टी जिसको टिकट देंगी, उसका साथ दूंगी।

2013 में बसपा से थी विधायक

उषा चौधरी बसपा से 2013 में विधायक बनी। इसके बाद 2018 में चुनाव हार गई। फिर चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गई थी। अब भाजपा ने कांग्रेस को टक्कर देने के लिए ऊषा को पार्टी ज्वाइंन कराई है।

ब्राह्मणों पर टिप्पणी पर निष्कासित हुए थे प्रीतम

उमा भारती के करीबी और लोधी समाज के नेता प्रीतम लोधी को भाजपा ने ब्राह्माणों के खिलाफ टिप्पणी करने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया था। लोधी के माफी मांगने के बावजूद कार्रवाई की गई थी। इसके बाद प्रीतम लोधी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनकी रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही थी। ऐसा माना जा रहा है पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में किसी नुकसान से बचने के लिए उनको दोबारा पार्टी ज्वाइंन कराई।

विशेष रिपोर्ट-
प्रकाश बारोड़
‘सह-संस्थापक’
एवं ‘स्टेट ब्यूरो चीफ’- मध्य प्रदेश

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