सीएम शिवराज बोले-सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए लगाते हैं नेताओं की फोटो, कांग्रेस ने दिया ये जवाब

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न होने के अगले दिन सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस ने महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. भीमराव अंबेडकर, लालबहादुर शास्त्री और नरसिंहाराव सहित अन्य नेताओं की फोटो लगाई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जीते जी जिनका कभी सम्मान नहीं किया, मरने के बाद जिनका ठीक से अंतिम संस्कार नहीं करने दिया, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, उन सब नेताओं के फोटो अपने अधिवेशन में लगाए। कांग्रेस ने जिनका अपमान किया उनका फोटो सिर्फ राजनैतिक लाभ लेने के लिए लगाए। उसका उन्हें कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय अधिवेशन के जो विज्ञापन दिए, उनमें महात्मा गांधी जी का फोटो लगाया। गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को आजादी के बाद भंग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को लोक सेवक संघ बना देना चाहिए। कांग्रेस ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का फोटो लगाया, जिन्हें चुनाव में हराने का काम कांग्रेस ने किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की फोटो लगाई, जिन्होंने कांग्रेस ही छोड़ दी थी और देश की आजादी के लिए प्रभावशाली रास्ता चुना था। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की फोटो लगाई लगाई, जिन्हें कांग्रेस ने हमेशा अपमानित किया। है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की फोटो लगा ली, जबकि कांग्रेस ने उनका अंतिम संस्कार तक ढंग से नहीं होने दिया था। स्व. लालबहादुर शास्त्री को इंदिरा गांधी ने अपमानित करते हुए उनके आवास तीन मूर्ति भवन से बाहर कर दिया था। अपमान भरे शब्द थे ‘यह आपके (शास्त्री जी) के हिसाब से ज्यादा बड़ा है। आज शास्त्री जी की फोटो लगाते उन्हें शर्म नहीं आती।

कांग्रेस अपमानित करने कुख्यात

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी, जिनकी ‘बुद्धि, विवेक और समझ से पूरा देश परिचित है, उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश की प्रतियां फाड़ दी थीं। अपनी पार्टी की सरकार और देश के प्रधानमंत्री का अपमान कांग्रेस में नया नहीं। सीताराम केसरी का अपमान देश ने देखा है। अपमानित करने के लिए कुख्यात कांग्रेस का कारनामा देखिए, देश के नवनिर्माण को समर्पित विभूतियों को दरकिनार कर जवाहर लाल नेहरू जी और इंदिरा गांधी जी ने स्वयं भारत रत्न ले लिया। जिन विभूतियों का अपमान किया, राजनीतिक लाभ के लिए उनके चित्र चलाना कांग्रेस के नैतिक पतन को दर्शाता है।

कांग्रेस ने दिया यह जवाब 

मुख्यमंत्री के कांग्रेस के महा अधिवेशन पर उठाए सवालों के जवाब में कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने पलटवार करते हुए सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि शिवराज जी कांग्रेस के अधिवेशन पर सवाल उठाकर आपने अपनी अज्ञानता का शानदार प्रदर्शन किया है। बबेले ने एक एक सवाल पर जवाब दिये। 

– महात्मा गांधी ने आरएसएस की तुलना नाजी और फासिस्ट संगठनों से की थी। गांधी जी के निजी सचिव प्यारेलाल की किताब पूर्णाहुति में आप यह पढ़ सकते हैं। आपने सरदार पटेल के बारे में जिक्र किया तो आप समझ लीजिए कि सरदार पटेल ने ही आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को फटकार भी लगाई थी। आपने सुभाष चंद्र बोस के बारे में टिप्पणी की जान लीजिए कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जब बंगाल में सभाएं करते थे तो सुभाष चंद्र बोस के कार्यकर्ता उनका जमकर विरोध करते थे। फारवर्ड ब्लाक कोई अलग पार्टी नहीं थी, कांग्रेस के भीतर ही सुभाष चंद्र बोस का एक संगठन था। 

– डॉक्टर अंबेडकर के बारे में आप बात करते हैं। जब डॉक्टर साहब और पंडित नेहरू हिंदू कोड बिल पर काम कर रहे थे तो जनसंघ ने उनका विरोध किया था। डॉक्टर अंबेडकर आपके सावरकर को भी भारत के विभाजन का दोषी मानते थे। आपने स्वर्गीय नरसिम्हा राव का जिक्र किया तो याद करिए यह आपकी पार्टी ही थी जिन्होंने नरसिंह राव को सबसे ज्यादा अपमानित किया। मौनी बाबा नाम आप ही लोगों ने दिया था। आपकी पार्टी ने उन्हें चुनाव में हराने का पाप किया था। वैसे थोड़ा आप अपने बारे में सोचें। पहले आप आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को लौह पुरुष कहते थे और उनके जीते जी आपने दूसरे व्यक्ति को लौह पुरुष कहना शुरू कर दिया। यह कौन सी अवसरवादिता है?

विशेष रिपोर्ट-
प्रकाश बारोड़
‘सह-संस्थापक’ -ELE India News

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