चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया है। आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। आयोग ने पाया कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा।
‘Shiv Sena’ party name, ‘Bow and Arrow’ symbol to be retained by Eknath Shinde faction: ECI
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— ANI Digital (@ani_digital) February 17, 2023
चुनाव आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है। इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है।
शिंदे ने कहा- यह लोकतंत्र की जीत है !
चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है।
यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है: चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुंबई pic.twitter.com/kY6MZHiQbv
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उन्होंने कहा- यह देश बाबासाहेब अंबेडकर की ओर से तैयार किए गए संविधान पर चलता है। हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई। चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है, वह मेरिट के आधार पर है। मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं।
फडणवीस बोले- हम पहले दिन से आश्वस्त थे !
महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- CM एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिन्ह और नाम मिला है। असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है। हम पहले दिन से आश्वस्त थे, क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार का निर्णय आए हैं।
उद्धव बोले- सरकार की दादागीरी चल रही !
उद्धव ठाकरे ने फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा- देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। पार्टी किसकी है, ये चुने हुए प्रतिनिधि ही तय करेंगे तो संगठन का क्या मतलब रह जाएगा। चुनाव आयोग का फैसला लोकतंत्र के लिए घातक है। हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। देश में सरकार की दादागीरी चल रही है। हिम्मत है तो चुनाव मैदान में आइये, चुनाव लड़िए। वहां जनता बताएगी कि कौन असली है और कौन नकली।
#WATCH ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा एलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है…सभी उनके गुलाम हैं: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मुंबई pic.twitter.com/4qJ1CsJtDT
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संजय राउत ने कहा- देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा !
चुनाव आयोग के फैसले पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया- इसकी स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी। देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा, लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है। लड़ते रहो। ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है।
हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है।"देश में लोकतंत्र की हत्या हुई है…हम नए चिह्न के साथ जनता के सामने जाएंगे": @rautsanjay61#EknathShinde #Shivsena #BowandArrow #Maharashtra #ECI #UddhavThackeray pic.twitter.com/ocIHhiGMOp
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- चुनाव आयोग अपना काम करे !
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने शिवसेना पर शिंदे गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी थी। कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि आयोग शिवसेना के चुनाव चिह्न पर फैसला कर सकता है। यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि उन्होंने विधायकों की योग्यता पर फैसला होने तक इलेक्शन कमीशन की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।
इससे पहले, उद्धव की याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 अगस्त को जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने केस संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर करते हुए चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जस्टिस रमना ने कहा था कि संवैधानिक बेंच यह तय करेगी कि आयोग की कार्यवाही जारी रहेगी या नहीं।
विशेष रिपोर्ट-
अजय क्रांतिकारी
‘पॉलिटिकल एडिटर’ -ELE India News