द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली महिला आदिवासी के तौर पर राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलवाई। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए महिलाओं के हित सर्वोपरि होंगे। इसके साथ ही दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हितों के लिए भी काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति ने मुझे यहां तक पहुंचाया। देश के गरीब आदिवासी, दलित और पिछड़े मुझमें अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं। मेरे इस निर्वाचन में पुरानी लीक से हटकर आज के दौर में आगे बढ़ने वाले युवाओं का भी योगदान शामिल हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं आज देश की महिलाओं और युवाओं को याद दिलाती हूं कि मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि हैं। मेरे सामने राष्ट्रपति पद की ऐसी महान विरासत है, जिसने दुनिया में भारत के लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। संविधान के आलोक में मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए लोकतांत्रिक आदर्श और समस्त देशवासी ऊर्जा का स्रोत रहेंगे।’ उन्होंने इस दौरान कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं।
जोहार ! नमस्कार !
मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूँ।
आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 25, 2022
देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, भीमराव आंबेडकर, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। यही नहीं रानी लक्ष्मीबाई समेत कई महिला शासकों का भी उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने आदिवासियों की विरासत याद दिलाते हुए कहा कि कोल क्रांति, भील क्रांति समेत कई ऐसे आंदोलन रहे हैं, जिनका नेतृत्व आदिवासियों ने किया और इससे देश की आजादी का संघर्ष मजबूत हुआ। आजादी की लड़ाई में जनजातीय समुदाय के योगदान को समर्पित म्यूजियम बनवाया जा रहा है। एक संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत ने पूरी मजबूती के साथ कदम आगे बढ़ाए हैं।
जी-20 सम्मेलन का जिक्र कर बोलीं- देश की बढ़ रही है साख
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the President-elect Smt Droupadi Murmu https://t.co/34DbgoUw1H
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 25, 2022
उन्होंने हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं। आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर अमृत काल में हमें नया अध्यायों को जोड़ना है। कोरोना महामारी का सामना करने में भारत ने सामर्थ्य दिखाया है, उससे दुनिया में साख बढ़ी है। हम हिंदुस्तानियों ने अपने सामर्थ्य से इस चुनौती का सामना किया और दुनिया के सामने नए मानदंड स्थापित किए। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश में जी-20 सम्मेलन होने जा रहा है, जिससे निश्चित तौर पर दुनिया के लिए अहम संदेश निकलेगा। उन्होंने कहा कि मैं आदिवासी परंपरा से आती हूं, जिसमें पर्यावरण का संरक्षण अहम होता है।
कहा- अपना नहीं जगत का कल्याण है जरूरी
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, मैंने अपने अब तक के जीवन में जन-सेवा में ही जीवन की सार्थकता को अनुभव किया है। जगन्नाथ क्षेत्र के एक प्रख्यात कवि भीम भोई जी की कविता की एक पंक्ति है, ‘मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ, जगत उद्धार हेउ’। अर्थात, अपने जीवन के हित-अहित से बड़ा जगत कल्याण के लिए कार्य करना होता है। उन्होंने कहा मेरा जन्म तो उस जनजातीय परंपरा में हुआ है, जिसने हजारों वर्षों से प्रकृति के साथ ताल-मेल बनाकर जीवन को आगे बढ़ाया है। मैंने जंगल और जलाशयों के महत्व को अपने जीवन में महसूस किया है। हम प्रकृति से जरूरी संसाधन लेते हैं और उतनी ही श्रद्धा से प्रकृति की सेवा भी करते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी की पंक्तियां भी दोहराईं
देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति ने कहा कि मैं अपने देश के युवाओं से कहना चाहती हूं कि आप न केवल अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं बल्कि भविष्य के भारत की नींव भी रख रहे हैं। देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरा हमेशा आपको पूरा सहयोग रहेगा। मैंने देश के युवाओं के उत्साह और आत्मबल को करीब से देखा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी कहा करते थे कि देश के युवा जब आगे बढ़ते हैं तो वे सिर्फ अपना ही भाग्य नहीं बनाते बल्कि देश का भी भाग्य बनाते हैं। आज हम इसे सच होते देख रहे हैं।