प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार के बाद अब सबकी नजर भारतीय जनता पार्टी के संगठन में बदलाव पर है। आसार इस बात के हैं कि अब जल्दी ही संगठन में भी फेरबदल हो सकता है और सरकार की तरह पार्टी में भी कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर जैसे जिन नेताओं की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दी गई है उन्हें संगठन में लाकर बड़ी और अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
संसदीय बोर्ड में कई अहम पद खाली
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के संसदीय बोर्ड में भी कई अहम पद खाली हैं। थावरचंद गहलोत को राज्यपाल नियुक्त करने के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड में अब पांच रिक्तियां हो गई हैं। एम वेंकैया नायडू के उपाध्यक्ष बनने के बाद पार्टी ने किसी सदस्य को नियुक्त नहीं किया। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार की मृत्यु के बाद भी संसदीय बोर्ड को नियुक्तियों का इंतजार है।
संगठन के फेरबदल में भी चुनावी राज्यों का रखा जाएगा ध्यान
मोदी कैबिनेट का बुधवार को विस्तार हो गया है और जिसमें 43 मंत्रियों ने शपथ ली। पीएम मोदी की नई टीम में 36 नए मंत्री शामिल किए गए हैं। कैबिनेट में शामिल रहे रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार, बाबुल सुप्रीयो, सदानंद गौड़ा समेत 12 मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है। जबकि संगठन से कुछ नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है जिससे संगठन में भी कुछ जगह खाली हुई है। जैसे पार्टी महासचिव रहे भूपेंद्र यावद पर्यावरण मंत्री बनाए गए हैं। इसी तरह झारखंड की अन्नपूर्णा देवी जो पार्टी में उपाध्यक्ष रहीं हैं, अब केंद्र में मंत्री बन गई हैं। उड़ीसा के विश्वेशवर टुडु भी सचिव रहे हैं जो अब मंत्री बन गए हैं। ऐसे में कई नेता हैं जिन्हें सरकार में जगह नहीं मिली है तो वे संगठन में शामिल किए जाने का इंतजार करने लगे हैं।
जिस तरह कैबिनेट विस्तार में कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखा गया है, संगठन में भी फेरबदल करते समय इसी बात को सबसे प्रमुखता दी जाएगी। भाजपा के लिए महत्वपूर्ण दो प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होना है, गुजरात में भी चुनाव होना है। ऐसे में संगठन को बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक मजबूत करने की चुनौती है।