मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की चर्चाओं के बीच आज पीएम मोदी लेंगे कैबिनेट की अहम बैठक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय सरकार, संगठन और हर क्षेत्र में छवि को निखारने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने के बाद उत्तर प्रदेश को लेकर बड़ी समीक्षा बैठक संपन्न हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर को लेकर भी प्रधानमंत्री ने राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इसके साथ ही वह केंद्र सरकार के मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं। कई मंत्रालयों की समीक्षा बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में समीक्षा करेंगे।

प्रधानमंत्री की बुधवार की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे लेकर केंद्रीय सचिवालय में भी अधिकारियों के बीच चर्चा का बाजार गर्म है। कुछ मंत्रालयों के अधिकारी अपने मंत्रालय का हाल जानने के लिए काफी उत्सुक हैं। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल और विस्तार की दिशा में यह अंतिम बैठक है। इसमें प्रधानमंत्री अहम निर्णय लेने के साथ बड़ा संदेश दे सकते हैं। माना जा रहा है कि बैठक के बाद 14 जुलाई तक मंत्रियों से उनका इस्तीफा लेकर मंत्रिपरिषद के विस्तार व कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।  

आगामी राज्यों के चुनाव और मंत्रियों के कामकाज तय करेंगे रोडमैप

पिछले अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव और मंत्रियों का कामकाज ही इसका रोडमैप तय करेगा। प्रधानमंत्री तीन-चार मंत्रियों के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। वह नॉन परफार्मिंग मंत्रियों की केंद्रीय मंत्रिपरिषद से छुट्टी कर सकते हैं। करीब एक दर्जन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश और गुजरात को खास प्रतिनिधित्व मिल सकता है। 

इसके साथ ही माना जा रहा है कि अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी की नजर में सभी राज्य बराबर हैं, लेकिन गुजरात और उत्तर प्रदेश में भाजपा और राज्य सरकार की स्थिति को लेकर वह थोड़े संवेदनशील दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश की तरह ही गुजरात में भी पार्टी, संगठन व सरकार में नई ऊर्जा भरने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

क्या राजनाथ और नितिन गड़करी पर बढ़ रही है पीएम की निर्भरता?

प्रधानमंत्री मोदी अरुण जेटली के निधन के बाद से खालीपन महसूस कर रहे हैं। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री की केमिस्ट्री बहुत अच्छी रहती है, लेकिन सरकार के कामकाज को चलाने तथा सलाह के लिए वरिष्ठ सहयोगियों की आवश्यकता पड़ती है। 

बताते हैं कि राजनीतिक परिपक्वता के लिहाज से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्भरता धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि हाल में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में इसके बाबत स्पष्ट संकेत देखने को मिल सकता है।

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