हमारी धरती यानी पृथ्वी पर उर्जा का सबसे प्रमुख सूर्य की किरणें ही हैं। सूर्य के प्रकाश और तेज़ से ही पृथ्वी पर प्राणी-जीवन का अस्तित्व है। आपको बता दें कि रविवार का दिन भगवान भास्कर (सूर्य देव) को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से सूर्य भगवान की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। सूर्य देव की पूजा- अर्चना करने से व्यक्ति का मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा बढ़ती है। आइए जानते हैं सूर्य देव को प्रसन्न करने के आसान उपाय…
सूर्य देव को जल अर्पित करें
रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को जल अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आप रोजाना भी सूर्य देव को जल अर्पित कर सकते हैं।
इस मंत्र का जप करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंत्र जप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जप करें…
”एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।”
गुड़ का दान करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन गुड़ का दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सूर्य देव की आरती करें
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव की ये आरती भी करें….
श्री सूर्यदेव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरंपार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
विशेष– भव्यशक्ति ज्योतिष अनुसंधान- ध्यान योगी रोहित गुरु जी द्वारा किसी भी ज्योतिष परामर्श के लिए हमें अपना प्रश्न अपने डिटेल्स के साथ भेजिये। हमारा ईमेल पता है- eleindianews.in@gmail.com हमारा व्हाट्सएप न. है- 9650145075 , 992602611