‘कोवैक्सीन’ का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सरकार अन्य कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए तैयार !

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देश में कोरोना वायरस के देसी टीके कोवैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए सरकार दूसरी कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए तैयार हो गई है। नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि कोवैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सरकार अन्य कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि टीके के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। 

पॉल ने कहा कि लोगों का कहना है कि कोवैक्सीन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए अन्य कंपनियों को शामिल किया जा सकता है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि जब हमने इस संबंध में कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के साथ इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने इसका स्वागत किया है। बता दें फिलहाल भारत में तीन टीकों के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, जिसमें कोवैक्सीन, कोविशील्ड और रूस की स्पूतकि वी शामिल है।

डॉ पॉल ने कहा कि हम उन कंपनियों को खुला निमंत्रण देते हैं जो कोवैक्सीन का मिलकर प्रोडक्शन करना चाहती हैं। पॉल ने आगे कहा कि सरकार ऐसी कंपनियों की सहायता करेगी ताकि टीके के प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ सके। टीकाकरण के संबंध में जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि फिलहाल 45 साल या उससे अधिक उम्र की एक तिहाई आबादी कवर हो चुकी है।

राज्यों ने उठाया था टीके की कमी का मुद्दा

बता दें कि दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने केंद्र के सामने टीकों की कमी का मुद्दा उठाया था। टीके की कमी के बाद कई राज्यों में वैक्सीनेशन सेंटर को बंद भी करना पड़ा है। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा, भारत और देश के लोगों के लिए देश में पांच महीनों में दो अरब खुराक (216 करोड़) बनाई जाएंगी। टीका सभी के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि अगले साल की प्रथम तिमाही तक यह संख्या तीन अरब होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगस्त से दिसंबर के बीच कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक का उत्पादन अनुमानित है, जबकि कोवैक्सीन की 55 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी।

कोविशील्ड के दो डोज के बीच का समय बढ़ा

भारत सरकार ने गुरुवार को कोविशील्ड टीके की दो डोज लगवाने के बीच के समय को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की कोविड-19 कार्य समूह की सफारिश को स्वीकार कर लिया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड के दो डोज के बीच समयांतर फिलहाल 6 से 8 सप्ताह का है। विभिन्न राज्यों में टीकों की कमी की खबरों के बीच केन्द्र सरकार ने यह फैसला लिया है।

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