भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ एक युद्ध लड़ रहा है। इस लड़ाई में दुनिया के कई देशों ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं। अमेरिका से आज ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन जेनरेटर, एन-95 मास्क जैसे जरूरी जीवनरक्षक मेडिकल इक्विपमेंट की पहली खेप भारत पहुंचा है। अमेरिका के अलावा अन्य कई देशों से भी इस तरह की मदद भारत की को जा रही है। अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भयानक लहर से लड़ने के वास्ते सहयोग की बात कही है।
With the entire @UN family, I stand in solidarity with the people of India as they face a horrific #COVID19 outbreak.
The UN stands ready to step up our support.
— António Guterres (@antonioguterres) April 29, 2021
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि विश्व संगठन भारत में कोविड-19 की भयानक लहर से लड़ने के वास्ते उसका सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 1.8 करोड़ से अधिक मामले आ चुके हैं और 200,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गुतारेस ने गुरुवार को ट्वीट किया, ”पूरे संयुक्त राष्ट्र परिवार के साथ मैं भारत के लोगों के साथ खड़ा हूं क्योंकि वे कोविड-19 की भयानक लहर का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र अपना सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है।”
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने गुतारेस के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, ”भारत आपकी भावनाओं और एकजुटता की सराहना करता है। संयुक्त राष्ट्र जो समर्थन दे रहा है हम उसकी भी प्रशंसा करते हैं।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोविड-19 के 1.8 करोड़ से अधिक मामले आए हैं और 204,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत में कोविड-19 के बेतहाशा मामले आने के कारण आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और अस्पतालों की क्षमताओं में कमी को पूरा करना शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 4,000 ऑक्सीजन सांद्रक के साथ विमानों को भेज रहा है।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ”कोविड-19 के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा दबाव पड़ा है जो इस महामारी के शुरू होने के बाद से पहले ही अत्यधिक दबाव में है। हमें तेजी से काम करने, अस्पतालों की क्षमताएं बढ़ाने और चिकित्सा आपूर्ति करने की जरूरत है जो लोगों की जान बचाने के लिए आवश्यक है।”
वहीं, अमेरिका को उम्मीद है कि भारत को दी जाने वाली भारी भरकम कोविड-19 सहायता का समाज और दुनियाभर में उत्प्रेरक असर पड़ेगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि अमेरिका आने वाले दिनों में भारत को 10 करोड़ डॉलर से अधिक की आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति कर रहा है। राहत सामग्री लेकर पहला विमान बुधवार को कैलिफोर्निया में अमेरिकी वायु सेना अड्डे से रवाना हुआ। प्राइस ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हमें उम्मीद है कि भारतीय लोगों की मदद करने का समाज और दुनियाभर में उत्प्रेरक असर पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, ”अमेरिकी सरकार के विमान आज रात को भारत पहुंचना शुरू करेंगे और अगले हफ्ते तक विमान आते रहेंगे। महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों को जरूरत थी तो भारत ने अमेरिका की सहायता की थी वैसे ही अमेरिका जरूरत के वक्त भारत की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस बीच, ह्यूस्टन स्थित भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन सेवा इंटरनेशनल ने अटलांटा से 2,184 ऑक्सीजन सांद्रक की पहली खेप भारत में भेजी है। उसने भारत में कोविड-19 राहत प्रयासों के लिए 80 लाख डॉलर की धनराशि भी जुटाई थी।