दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केन्द्र और ‘आप’ सरकार से पूछा कि जब कोविड-19 रोगियों को व्यापक रूप से रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा लेने की सलाह दी जा रही है तो फिर राजधानी में इसकी किल्लत क्यों है। केन्द्र सरकार ने जब बताया कि रेमडेसिविर का सेवन केवल अस्पतालों में किया जा सकता है तो अदालत ने कहा कि जब अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन और बेड्स ही उपलब्ध नहीं हैं तो वे यह दवा उन्हें कैसे मिलेगी। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत के औषधि महानियंत्रक को इस मामले में पक्षकार बनाते हुए उनके वकीलों को दिल्ली में दवा की किल्लत के बारे में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
Delhi govt decides to import 18 tankers (Oxygen) from Bangkok, they’ll start arriving from tomorrow. We’ve requested Centre to allow use of Air Force planes for this. Talks are on, I’m very hopeful that talks will be successful. This will resolve the issue of transport: Delhi CM pic.twitter.com/brWTv9oMm4
— ANI (@ANI) April 27, 2021
दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त स्थायी वकील अनुज अग्रवाल को भी ऐसा ही निर्देश दिया गया और अदालत ने इस मामले की सुनवाई लंच के बाद के लिए स्थगित कर दी गई। अदालत ने कहा कि आज पूरा शहर परेशान है क्योंकि उन्हें यह दवा नहीं मिल रही है। सरकार द्वारा पूरी खरीद की जाती है, फिर ऐसा क्यों हो रहा है। अदालत ने अग्रवाल से पूछा कि सुनवाई कब शुरू होगी।
Delhi High Court asks Delhi Government to file affidavit mentioning the status of the stock of liquid and gaseous oxygen with refillers by 10 am tomorrow
— ANI (@ANI) April 27, 2021
अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में दवा बनाने की सुविधा नहीं है और यह अन्य राज्यों से प्राप्त होती है जो अपनी मांगों को पूरा करने के बाद ही उसे दवा बेचते हैं। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि दवा का एक बड़ा स्टॉक इस साल फरवरी में एक्सपायर हो गया था क्योंकि इससे पहले डॉक्टरों द्वारा सक्रिय रूप से इसे प्रिस्क्राइब्ड नहीं किया गया था। हालांकि, अदालत प्रिस्क्राइब नहीं किए जाने की बात से सहमत नहीं हुई और कहा कि दवा हर जगह डॉक्टरों द्वारा प्रिस्क्राइब की जा रही थी। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा, “क्या भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इसकी अनुमति नहीं दी थी?” हाईकोर्ट एक वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो COVID-19 से पीड़ित है और उसे रेमडेसिविर की छह में से केवल तीन खुराक ही प्राप्त हो सकी थीं। वकील ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से दिल्ली सरकार द्वारा उसे दवा की शेष खुराक प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।