कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली, जिस दौरान जमकर बवाल हुआ। यहां हुड़दंग और पुलिस पर हमले की कई तस्वीरें सामने आईं। इस सब को लेकर अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चेताया है। शिवसेना ने कहा है कि ‘अगर सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हट ही जाती तो कौन सी आफत आ जाती। सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हट जाए नहीं तो भारत में भी लोग रूस की तरह सड़कों पर निकल जाएंगे।’
बता दें कि रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रतिद्वंदी एलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है और लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
इसके अलावा संपादकीय में लिखा गया कि- सरकार देश की जनता का गुस्सा नहीं समझती है। जीएसटी, नोटबंदी और लॉकडाउन से लोगों में बड़े पैमाने पर गुस्सा पैदा हुआ है और कल किसान दिल्ली पहुंच गए हैं। इससे कोई देश की सही छवि नहीं बन रही है। 26 जनवरी के प्रदर्शन के बाद जो हालात पैदा हुए हैं उससे ये सवाल उठ रहा है कि क्या हम सही मायने में लोकतंत्र हैं।
हिंसा में घायल हुए पुलिस के 86 जवान
पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि इस हिंसा में पुलिस के 86 जवान घायल हो गये हैं। हिंसा स्थल पर एक प्रदर्शनकारी का ट्रैक्टर पलट गया जिससे उसकी मौत हो गई। बयान में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया था । प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुई थी।
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को सुबह करीब 8:30 बजे छह हजार से सात हजार ट्रैक्टर सिंघु सीमा पर एकत्र हुए। पहले से निर्धारित रास्तों पर जाने के बदले उन्होंने मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर दिया। बार बार आग्रह के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया । गाजीपुर एवं टीकरी सीमा से भी इसी तरह की घटना की खबरें हैं।