कृषि कानूनों पर नहीं मिल रहा समाधान, नौवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा

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कृषि कानूनों पर एक महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच हुई नौवें दौर की बातचीत भी आज बेनतीजा रही। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को आंदोलनरत किसान संगठनों से रुख में नरमी लाने की अपील की। किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक में तोमर ने कहा, हमने आपकी (किसान) कुछ मांगें मानी हैं। क्या आपको भी कुछ नरमी नहीं दिखानी चाहिए? कानून वापसी की एक ही मांग पर अड़े रहने की बजाय आपको भी हमारी कुछ बातें माननी चाहिए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कई कदम आगे बढ़ी है, किसानों को भी आगे बढ़ना चाहिए। तोमर ने फिर दोहराया कि ठंड और कोविड में किसान आंदोलन पर बैठे हैं, सरकार को इसकी चिंता है, इसलिए वार्ता चर्चा कर रही।

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी जब बुलाएगी तो पक्ष रखेंगे:
एक सवाल के जवाब में तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समिति गठित करने के फैसले का स्वागत करती है। कोर्ट के प्रति सरकार प्रतिबंद्ध है और आगे भी रहेगी। इसको लेकर किसी को शंका नहीं होनी चाहिए। समिति जब बुलाएगी तो सरकार अपना पक्ष रखने के लिए जाएगी। समिति का गठन समाधान के लिए हुआ है। किसान आंदोलन में खालिस्तान के घुस आने के सवाल पर तोमर ने कहा कि कृषि सुधार को लेकर दो तीन रज्यों के किसान आंदोलन कर रहे हैं। सरकार किसान नेता को उनका प्रतिनिधि मानती है, इसलिए चर्चा कर रही है।

राहुल गांधी पर साधा निशाना:
एक अन्य सवाल के जवाब में कृ़षि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कृषि सुधार की बात कही थी। घोषणा पत्र में लिखित वादा करने के बाद अब कांग्रेस उनको गलत ठहरा रही है। कांग्रेस के नेताओं को मीडिया के सामने आकर बताना चाहिए कि वह आज झूठ बोल रहे है अथवा पहले झूठा वादा किया था।

जिस दिन समिति की बैठक उसी दिन फिर वार्ता:
अगले दौर की वार्ता उस दिन होने जा रही है जिस दिन कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध दूर करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की पहली बैठक होने की संभावना है। समिति की बैठक 19 जनवरी तय है। इससे एक दिन पहले यानि 18 जनवरी को उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर सकती है जो गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के आह्वान के खिलाफ दायर की गई है।

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