कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल के बाद अब एक और पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है। राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनिवाल ने इससे पहले किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए तीन संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया था।
I have left the NDA (National Democratic Alliance) in protest against the three farm laws. These laws are anti-farmer. I have left NDA but won’t forge alliance with Congress: Rashtriya Loktantrik Party chief Hanuman Beniwal pic.twitter.com/luToWGTwa7
— ANI (@ANI) December 26, 2020
कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों का आंदोलन 31 दिनों से चल रहा है। इससे पहले एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने भी कृषि आंदोलन के समर्थन में ही एनडीए से नाता तोड़ लिया था। इसके अलावा कई और छोटे दल भी बीजेपी पर दबाव बढ़ाने में जुटे हुए हैं। आरएलपी के जाने से भले ही केंद्र सरकार की सेहत पर कोई असर ना पड़े, लेकिन कुछ अन्य दल भी अकाली और आरएलपी के बाद बागी रुख दिखाकर बीजेपी पर दबाव बना सकते हैं।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को किसान आंदोलन के मुद्दे पर चिट्ठी भी लिखी थी और कहा था कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। उन्होंने लिखा था, ”भीषण सर्दी और कोरोना काल में देश का अन्नदाता आंदोलन कर रहा है, जोकि शासन के लिए शोभनीय नहीं है।”
बेनीवाल ने ट्वीट किया था, ”अमित शाह जी, देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित ला, गए 3 बिलों को तत्काल वापस लिया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए। चूंकि, आरएलपी एनडीए का घटक दल है लेकिन, आरएलपी की ताकत किसान व जवान हैं, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।”