नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन को आज एक महीना पूरा हो गया है, लेकिन किसानों और सरकार के बीच गतिरोध अब भी बरकरार है। हालांकि, सरकार ने एक बार फिर किसानों को चिट्ठी लिखकर वार्ता के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन वार्ता से पहले तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
कैसे निकलेगा हल?
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पड़ अड़े हजारों किसान एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। केंद्र सरकार ने गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा को चिट्ठी लिखकर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए अपनी सुविधानुसार तारीख और समय देने को कहा। सरकार की इसी चिट्ठी पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को बैठक बुलाई है जिसके बाद केंद्र को औपचारिक जवाब दिया जा सकता है। बता दें कि दिल्ली के तीन बॉर्डरों यानी सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर पर लगभग एक महीने से संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं।
देखे कैसे लगती है गोला-लाठी !
उत्तर भारत के किसान का यह दाव, किसान आंदोलन के चलते चर्चा मे है। किसान विरोधी नेताओं पर यह दाव चलाने की धमकी दी गयी है।
इसमें मारपीट बिल्कुल नही है, एकदम अहिंसात्मक दण्ड प्रक्रिया है।#FarmersProtest #गोला_लाठी #Gola_Laathi #Gola_Lathi pic.twitter.com/qAiZfMNThz
— Kisan Ekta Morcha (@KisanEktaMarch) December 24, 2020
हालांकि, आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार की चिट्ठी में कुछ नया नहीं है बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं। किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा।
सरकार की चिट्ठी में क्या?
कृषि मंत्रालय ने नया प्रस्ताव भेजने के साथ ही स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित किसी भी नई मांग को एजेंडे में शामिल करना ‘तार्किक नहीं होगा क्योंकि यह नए कृषि कानूनों के दायरे से परे है। हालांकि यूनियनों ने कहा कि विवादित कानूनों को रद्द करने की मांग से एमएसपी को अलग नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी देना उनके आंदोलन का महत्वपूर्ण बिंदू है। मंत्रालय ने कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों का तार्किक हल खोजने के लिए तैयार है। यह पत्र संयुक्त किसान मोर्चे के 23 दिसंबर के उस पत्र के जवाब में आया है जिसमें कहा गया है कि अगर सरकार संशोधन संबंधी खारिज किए जा चुके बेकार के प्रस्तावों को दोहराने की जगह लिखित में कोई ठोस प्रस्ताव लाती है तो किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं।
पांच दौर की वार्ता रही हैं बेनतीजा
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने 40 किसान नेताओं को लिखे तीन पन्नों के पत्र में कहा, ‘मैं आपसे फिर आग्रह करता हूं कि प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए सरकार सभी मुद्दों पर खुले मन से और अच्छे इरादे से चर्चा करती रही है तथा ऐसा करती रहेगी। कृपया (अगले दौर की वार्ता के लिए) तारीख और समय बताएं। सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछले पांच दौर की वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है।अग्रवाल ने किसान यूनियनों के नेताओं से कहा कि वे उन अन्य मुद्दों का भी ब्योरा दें जिनपर वे चर्चा करना चाहते हैं। वार्ता मंत्री स्तर पर नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर अग्रवाल ने कहा कि कृषि कानूनों का इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही इसका कृषि उत्पादों को तय दर पर खरीदने पर कोई असर पड़ेगा।
पीएम मोदी किसानों को करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी शुक्रवार को एक बटन दबाकर नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे। यह धनराशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किस्त के रूप में जारी की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मोदी छह राज्यों के किसानों से संवाद भी करेंगे तथा किसान सम्मान निधि और किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा की गई अन्य पहल के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
इस बीच, कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ हमालवर रुख अपनाते हुए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से संसद का संयुक्त सत्र बुलाने का आग्रह किया है।
पार्टी नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत में लोकतंत्र केवल काल्पनिक रह गया है। राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। बताया जा रहा है कि इस पर 2 करोड़ किसानों ने हस्ताक्षर कर कानून निरस्त करने की मांग की है। गांधी ने कहा कि इससे किसानों और मजदूरों को फायदा नहीं होगा। केंद्र ने यह कहते हुए कानून वापस लेने की मांग खारिज कर दी कि सुधारों से किसानों को फायदा होगा।India is now an imaginary democracy. pic.twitter.com/4WZJiJ9Xel
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर सुरक्षा बल तैनात किया गया है। #FarmersProtests pic.twitter.com/rZVX3ASoDs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 25, 2020
– दिल्ली : दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
– दिल्ली : सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 30वां दिन है। किसान यूनियनों ने 23 दिसंबर को सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे निरर्थक संशोधनों को न दोहराएं, जिन्हें उन्होंने पहले खारिज कर दिया था और लिखित रूप में एक ठोस प्रस्ताव के साथ आएं।
Delhi: Khalsa Aid has set up Kisan Mall at Tikri border to provide items of daily use for free to farmers.
— ANI (@ANI) December 24, 2020
"We distribute tokens to farmers with which they can procure items from here," says Guru Charan, store manager.(24.12) pic.twitter.com/imZ0Aq1h0O
– दिल्ली : खालसा ऐड ने किसानों को मुफ्त में दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए टिकरी बॉर्डर पर किसान मॉल की स्थापना की है। स्टोर मैनेजर गुरु चरण ने बताया कि हम किसानों को टोकन बांटते करते हैं, जिसके साथ वे यहां से आइटम खरीद सकते हैं।