कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण सोमवार को निधन हो गया। वह 93 साल के थे। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि यूरिनरी इंफेक्शन के बाद उन्हें एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां वह वेंटिलर पर थे। सोमवार को उनका निधन हो गया। रविवार (20 दिसंबर) को ही वोरा का जन्मदिन था। मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वे पहली बार साल 1985-1988 तक सीएम रहे थे और फिर 1989 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
Vora ji was a true congressman and a wonderful human being. We will miss him very much.
My love & condolences to his family and friends. pic.twitter.com/MvBBGGJV27
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 21, 2020
वह गत अक्टूबर महीने में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और कई दिनों तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती रहने के बाद उन्हें छुट्टी भी मिल गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ”वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे। हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है।”
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वोरा के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ”मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।”
उन्होंने कहा, ”92 साल की उम्र में भी हर बैठक में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए। आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे।” कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी वोरा के निधन पर दुख प्रकट किया।
वोरा ने अपने पांच दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में पार्टी और सरकार में कई अहम भूमिकाओं का निर्वहन किया। वह इस साल अप्रैल तक राज्यसभा के सदस्य रहे और कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) की भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने करीब दो दशकों तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन में कई अन्य जिम्मेदारियां निभाईं। वोरा 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे। केंद्र में पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उन्होंने स्वास्थ्य और नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में भी सेवा दी।