पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से ग्राहक परेशान, सरकार वसूल रही है भारी टैक्स

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तेल की बढ़ती कीमतों से ग्राहक परेशान हैं। हाल के दिनों में पेट्रोल व डीजल की कीमत काफी महंगी हुई है। साथ ही तेल पर टैक्स की दरें आग में घी डालने का काम कर रही हैं। इससे उपभोक्ताओं का बजट भी गड़बड़ा गया है। पिछले 18 दिनों में पेट्रोल करीब चार फीसदी और डीजल करीब पांच फीसदी महंगा हुआ है। 

दरअसल कोरोना वायरस महामारी की वैक्सीन पर सकारात्मक खबरों से अर्थव्यवस्था की जल्द पटरी पर लौटने की उम्मीद है। परिणाम स्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। कई दिनों तक देश में तेल की कीमत स्थिर रही, लेकिन 20 नवंबर से तेल की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी हुआ। 

इतना महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल 
20 नवंबर से अब तक देश की राजधानि दिल्ली में पेट्रोल 2.65 रुपये और डीजल 3.41 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। मुंबई में मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 90.34 रुपये और डीजल की कीमत 80.51 रुपये प्रति लीटर थी। मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण घरेलू स्तर पर तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।

इसलिए बढ़ रही कीमत
पिछले बुधवार को बेंचमार्क ब्रेंट 1.6 फीसदी की तेजी के साथ 48.61 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया था, जो मार्च के बाद का उच्चतम स्तर है। मंगलवार को यह 48.76 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अनुमान जताया जा रहा है कि अगर आगामी दिनों में कच्चा तेल इसी स्तर पर रहता है, तब भी देश में तेल की खुदरा कीमतों में और तेजी आएगी।

बहुत ज्यादा है टैक्स की दर 
दरअसल केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तेल पर लगाए जाने वाले टैक्स की दर बहुत ज्यादा है। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। मौजूदा समय में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट का हिस्सा 63 फीसदी है, जबकि डीजल में इनकी हिस्सेदारी 60 फीसदी है। 

इसके साथ ही अगर तेल के बेस प्राइस में बढ़ोतरी होती है, तो उस पर टैक्स भी बढ़ जाता है। आंकड़ों के अनुसार, जब 19 नवंबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 81.06 रुपये प्रति लीटर थी, तो इसमें टैक्स का हिस्सा 51.69 रुपये था। डीजल की बात करें, तो 71.46 रुपये प्रति लीटर कीमत पर उपभोक्ताओं को 42.59 रुपये टैक्स देना पड़ा था। 

सरकार ने इतना बढ़ाया था टैक्स
केंद्र सरकार ने 16 मार्च और पांच मई में दो किस्तों में पेट्रोल पर एक्साइज 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये बढ़ाया था। हालांकि इस बढ़ोतरी से तेल की कीमत प्रभावित नहीं हुई थी क्योंकि तब कई देशों में लगे लॉकडाउन से कच्चे तेल की मांग बेहद कम हो गई थी और दाम में भारी गिरावट आई थी। इसके साथ ही दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों ने वैट में बढ़ोतरी की थी। 

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