नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के भारत बंद से बढ़ते दबाव के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार दोपहर को दिल्ली आकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके आवास पर मुलाकात की। तोमर और खट्टर के बीच बैठक सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक के छठे दौर से एक दिन पहले हुई है।
किसानों के बढ़ते दबाव के चलते हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भाजपा सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेपीपी) भी अब नए कृषि कानूनों को संशोधित करने के लिए आवाज उठाने लगी है। हालांकि, भाजपा जेजेपी के इस रुख से हैरान है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बयानों के अनुसार, जेजेपी के पांच विधायकों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है, लेकिन इसे गठबंधन तोड़ने के संकेत के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि एक राजनीतिक दल जिसकी गिनती अपने मुख्य समर्थकों के बीच किसानों की पार्टी के रूप में होती है, अपनी चिंताओं को उठाने से नहीं कतराता है, इसलिए जेजेपी नेताओं के बयान पूरी तरह से राजनीतिक बयान हैं।
Delhi: Haryana CM Manohar Lal Khattar and Agriculture Minister Narendra Singh Tomar hold a meeting at the latter’s residence. https://t.co/c2LzMOj73y pic.twitter.com/upESGmIY47
— ANI (@ANI) December 8, 2020
हालांकि ऐसी अटकलें हैं कि जेजेपी भी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के रास्ते पर जा सकती है और कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ सकती है, लेकिन दिल्ली में भाजपा नेतृत्व को विश्वास है कि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार को कोई खतरा नहीं है।
एक नेता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जेजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने की स्थिति में नहीं है और खट्टर सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है। अगर कांग्रेस कोशिश करती है, तो भी जेजेपी उन्हें समर्थन नहीं देगी। इसके अलावा वे संख्या में कम हैं और सरकार को धोखा नहीं दे सकते हैं। नेता ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि वह उन चिंताओं को दूर करेगी जो कानून में कुछ प्रावधानों के बारे में हैं।
उदाहरण के लिए एक डर है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में पारिश्रमिक कुछ वर्षों के बाद घटने लग सकता है। ऐसे प्रावधान और नियम हैं जिनके द्वारा इस तरह की चिंताओं पर ध्यान दिया जा सकता है। सरकार ऐसे नियम बनाने के लिए तैयार है जिससे किसानों को लाभ हो। जेजेपी ने सरकार से आग्रह किया है कि किसानों की मांग पर विचार किया जाए और एमएसपी के लिए गारंटी लिखित रूप में दी जाए और कानूनों का हिस्सा बनाया जाए।