महाराष्ट्र विधानपरिषद की 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। 6 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी सिर्फ 1 सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। बाकी 5 सीटों पर शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस के महाविकास आघाड़ी गठबंधन ने जीत दर्ज की है। एक साल के अंदर के बीजेपी के लिए राज्य में यह दूसरा बड़ा झटका है। पिछले साल नवंबर महीने में बीजेपी के हाथों से महाराष्ट्र की सत्ता भी फिसल गई थी।
बीजेपी ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और एक निर्दलीय को समर्थन दिया था। हार स्वीकार करते हुए बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव के परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हैं। हम ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रहे थे जबकि सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली है। हमसे तीनों पार्टियों (महाविकास आघाड़ी) की सम्मिलित ताकत को आंकने में चूक हुई।’
बीजेपी को अपने गढ़ नागपुर में भी मिली हार
Congress preponderates BJP in RSS heartland!
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) December 4, 2020
Congress wins the Nagpur Graduates Constituency with a massive mandate.
We thank the Graduates of Nagpur Division for instilling faith in Congress Party. pic.twitter.com/xQZD8TKVF7
बीजेपी की सबसे बुरी हार नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में हुई है। नागपुर को बीजेपी का गढ़ माना जाता है और इस सीट से पूर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और फडणवीस के पिता गंगाधर राव फडणवीस जीत चुके हैं। मंगलवार को हुए चुनाव को महाविकास आघाड़ी और बीजेपी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था।
डेप्युटी सीएम पवार बोले, आघाड़ी की जीत हमारी एकता का सबूत
6 में से 5 सीटों पर महाविकास आघाड़ी की जीत पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, ‘विधानपरिषद चुनाव में आघाड़ी की जीत गठबंधन पार्टियों के बीच एकता का सबूत हैं।’
नवाब मलिक बोले, सत्ता परिवर्तन का दावा खोखला साबित हुआ
पुणे निर्वाचन क्षेत्र से आघाड़ी के उम्मीदवार अरुण लाड ने एनडीए उम्मीदवार संग्राम देशमुख को 48 हजार वोटों से हराया है। राज्य सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘चुनाव परिणाम पिछले एक साल में महाविकास आघाड़ी के विकास कार्यों पर मुहर की तरह हैं। बीजेपी को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए। विधानपरिषद चुनाव के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन का उनका दावा खोखला साबित हुआ है।’