म.प्र. में भाई, भाभी और भतीजी को जिंदा जलाने के बाद युवक ने लगाई फांसी, अब वज़ह आयी सामने !

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मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले से एक दिल दहलाने वाली खबर आई। यहां एक युवक ने  घरेलू कलह के चलते अपने सगे भाई, भाभी और एक भतीजी और भतीजे को जिंदा जला दिया। इस दिल दहलाने वाली घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि भतीजे की हालत गंभीर है। परिवार के तीन लोगों की हत्या करने के बाद आरोपी ने खुद को भी फांसी लगा ली।

घटना बुधवार रात डेढ़ से दो बजे के बीच हुई। पुलिस के मुताबिक, बैंक लोन की किश्त को लेकर दोनों भाइयों के बीच विवाद हुआ था। जानकारी के मुताबिक, अनूपपुर के धनगवां गांव में तीन भाई ओमकार, चेतराम और दीपक विश्वकर्मा एक ही घर में रहते थे। इनमें दीपक सबसे छोटा था। सब अलग-अलग काम करते थे। सबसे छोटे भाई दीपक की शादी नहीं हुई थी।  सालभर पहले उसे गैरेज खोलने के लिए दोनों भाइयों ने बैंक से 10 लाख रुपए का लोन दिलाया था। इसकी किश्त समय पर जमा न करने पर ओमकार और दीपक में विवाद होता रहता था।

दीवार पर लिखा- हत्या का कारण
दीपक के कमरे में दीवार पर कोयले से कुछ शब्द लिखे मिले हैं। उसमें आरोपी दीपक ने लिखा है कि चेतराम उसे घर से निकालना चाहता था। साथ ही उस पर मारपीट और जुआ खेलने का आरोप भी लगा रहा था। पुलिस का कहना है कि दीपक के अपने भाई ओमकार के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे। दोनों में पैसों को लेकर विवाद हुआ था। शुरुआती जांच में लग रहा है कि दीपक ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। लेकिन, दूसरे एंगल को लेकर भी जांच की जा रही है।

सोते हुए परिवार को पेट्रोल डालकर जलाया
बुधवार को विवाद के बाद दीपक ने रात करीब डेढ़ बजे ओमकार (40), उसकी पत्नी कस्तूरिया (35) और बेटी निधि (16) के कमरे में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसके बाद दीपक ने अपने भतीजे आशीष (17) के कमरे में भी इसी तरह आग लगाई। आग लगाते समय आरोपी खुद भी झुलस गया।

सबको मारा, फिर फांसी पर झूला आरोपी
चीख-पुकार सुनकर पास में ही रहने वाले भाई चेतराम और उसका परिवार जाग गया। उस समय पूरे घर में आग फैल चुकी थी। उसने पहले अपने परिवार को बाहर निकाला। इसके बाद, भतीजे आशीष के कमरे का दरवाजा खोलकर उसे निकाला। चेतराम ने घर के अंदर जाने की कोशिश भी की लेकिन, आग की वजह से वह अंदर नहीं जा सका। इसके बाद उसने दीपक के कमरे में खिड़की से झांका, तो वह फंदे पर लटका हुआ था।

कोई भाग न सके, इसलिए बाइक को भी जलाया
जलने के बाद कोई बाहर न भाग सके, इसलिए दीपक ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया था। साथ ही, घर के बाहर खड़ी मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया। चीख-पुकार सुनकर जब गांव के लोग पहुंचे, तब तक सब-कुछ खाक हो चुका था। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

सुबह घर में केवल हड्डियां और राख मिली
गुरुवार सुबह जब पुलिस गांव में पहुंची, तो घर पूरी तरह जल चुका था। आग में पूरी तरह जल चुके चेतराम, उसकी पत्नी और बेटी की हड्‌डियां और राख ही बची थी। पुलिस ने हड्डियां इकट्ठी कर जांच के लिए भिजवाई हैं।

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