म.प्र. के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को दिए सख्त निर्देश !

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हाल ही में आए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे के बाद मध्य प्रदेश सरकार के स्पष्ट बहुमत में आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनहित के कार्यों को लेकर मंत्रियों को हमेश तत्पर रहने को कहा है। उप चुनावों के बाद पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि मंत्री आराम से न बैठें। 

अब एक मिनट का समय भी व्यर्थ नहीं गंवाना है। सरकार बहुमत में आने के बाद जिम्मेदारी भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अब हर माह विभागों की रेटिंग की जाएगी। मंत्रियों को हर माह रिपोर्ट कार्ड पेश करना होगा। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को सलाह दी है कि वे अपने विभाग में अपनी पकड़ मजबूत बनाएं। वे हर सोमवार को विभाग की समीक्षा भी करें। उपचुनाव के बाद शिवराज सरकार की यह पहली कैबिनेट बैठक थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को सलाह के साथ निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं को लागू करने में तेजी से काम करना है। इसके लिए सीएम डैशबोर्ड बनाया गया है, जिसमें केंद्रीय योजनाओं की प्रगति अपडेट की जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की ड्रेस बनाने का काम केवल स्वसहायता समूहों को ही दिया जाएगा।

प्रिटिंग प्रेस बंद कर रहे, लेकिन कर्मचारियों को नहीं निकाला जाएगा
इंदौर, ग्वालियर और रीवा की सरकारी प्रेस बंद करने का निर्णय कैबिनेट ने ले लिया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। इस दौरान राजस्व विभाग ने बताया कि इन तीनों प्रेस में 1286 कर्मचारी हैं। इसमें से 67 कर्मचारियों को दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया जाएगा। इसी तरह 495 पद कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद सरेंडर हो जाएंगे। इसके अलावा, 185 कर्मचारियों को भोपाल की प्रेस में पदस्थ किया जाएगा। भोपाल की प्रेस को अपडेट करने की योजना है।

नर्सिंग मान्यता नियम में संशोधन
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि नर्सिंग मान्यता के नाम पर जो धोखा दे रहे थे और दुकानें खोल कर बैठे थे, उन पर शिकंजा कसा जाएगा। अब ऐसी संस्था हर साल पाठयक्रम अन्य जिलों या राज्य में पढ़ना नहीं बता सकेंगे। पेरेंट हास्पिटल एक स्कूल के लिए होगा। नई संस्था के संचालक के लिए स्वयं का हास्पिटल अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार को प्रमाण पत्र भी देना होगा।

पशुपालन विभाग का नाम अब पशुपालन व डेयरी विभाग होगा
पशुपालन विभाग का नाम अब पशुपालन व डेयरी विभाग करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव भेजा था कि पशुपालन विभाग का नाम बदलने के साथ कार्य आवंटन नियम में संशोधन किया जाए।

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी को कैनरा बैंक से 7.35% ब्याज पर 800 करोड़ के लोन लेने के लिए सरकार गारंटी देगी।मुंबई स्थित मध्यलोक अतिथि गृह भवन निर्माण के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति। नेशनल पार्कों व अभयारण्य और चिड़ियाघरों में प्रवेश शुल्क से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग के लिए विकास निधि फंड की स्थापना।

जबलपुर मेडिकल कॉलेज में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट निर्माण के लिए 153 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति। यहां स्वीकृत 250 पदों में से 20 पदों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन में अंतरण। जबलपुर में ग्राम गधेरी में राज्य न्यायिक अकादमी की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति। सीहोर की सीप-अंबर सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति।

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