आहार हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा है। स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ आहार लेना बहुत जरूरी है। जंक फूड जैसे बर्गर, पिज्जा आदि की विश्वभर में कड़ी आलोचना हो रही है। ये खाद्य पदार्थ लोगों को मोटापे का शिकार बना रहे हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। खाद्य उत्पादों का निर्माण करने वाली इंडस्ट्री प्रतिदिन अपने उत्पादों को स्वास्थ्यकर बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में खाद्य पदार्थों के जानकारों की मांग काफी बढ़ गई है।
योग्यता
इस क्षेत्र में भरपूर मौके उपलब्ध हैं। इसमें करियर बनाने के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित या होम साइंस में 12 वीं पास होना अनिवार्य है। इसके बाद फूड साइंस, केमिस्ट्री या माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर डिग्री कर सकते हैं। यह कोर्स चार साल का होता है। बैचलर डिग्री करने के बाद फूड केमिस्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और अन्य क्षेत्रों में एडवांस डिग्री भी कर सकते हैं। इसके अलावा डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है।
अगर आपने ग्रेजुएशन कोर्स पूरा कर लिया है तो आप उपरोक्त विषयों में एमएससी भी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में शोध-अध्ययन करने की भी काफी गुंजाइश है। उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में अवसर भी बहुत मिलते हैं।
प्रवेश परीक्षाएं
ऑल इंडिया जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम देकर उम्मीदवार फूड टेक्नोलॉजी और बायो केमिकल साइंस में सरकारी कॉलेजों से बीटेक की डिग्री कर सकते हैं। वहीं, आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए जेईई मेन और जेईई एडवांस की परीक्षा पास करनी पड़ेगी। गेट फूड टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से आईआईएससी बेंगलुरू में दाखिला मिलेगा। इसके अलावा सभी निजी संस्थान अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करते हैं।
आवश्यक कौशल
– इन पेशेवरों को खाद्य विज्ञान की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उसका क्रियान्वयन उत्पादन प्रक्रिया के दौरान करने की कुशलता भी होनी चाहिए।
– इन पेशेवरों को बिजनेस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा इनका विश्लेषणात्मक और गणित का ज्ञान भी बेहतर होना चाहिए।
– इन पेशेवरों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इन्हें ज्यादातर समय स्वतंत्र रूप से काम करना पड़ता है।
– इन पेशेवरों को खाद्य पदार्थों का काफी अध्ययन करना पड़ता है, इसलिए इनकी कंप्यूटर स्किल और नई तकनीक के साथ काम करने की क्षमता भी बेहतर होनी चाहिए।
– इन पेशेवरों में ध्यान केंद्रित करने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए, ताकि भोजन से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी भी इनकी नजर से न बचे।
– स्वास्थ्य, सुरक्षा और साफ-सफाई के बारे में भी खास जानकारी होना अनिवार्य है।
– इन पेशेवरों को उत्पादनकर्ताओं के लिए काम करना होता है और ऐसे में उनके साथ लगातार संपर्क में भी रहना पड़ता है, इसलिए इनका संवाद-कौशल भी अच्छा होना चाहिए। इन पेशेवरों के पास टीम में काम करने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए।
जिम्मेदारियां
– फूड लेबलिंग के लिए सही पोषण तत्वों की जानकारी देनी होगी।
– खाद्य पदार्थों को ताजा सुरक्षित और आकर्षक बनाए रखने के तरीकों की खोज करनी पड़ती है।
– खाना बनाने के दौरान लगने वाले समय और पैसों की बचत करने के लिए तरीके ढूंढ़ने की भी जिम्मेदारी होती है।
– रोजमर्रा के कार्यों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जांच करनी पड़ती है।
– नई सामग्री के साथ प्रयोग करना और नए खाद्य पदार्थों का निर्माण करना भी इन्हीं की जिम्मेदारी होती है।
– इन्हें लैब में प्रयोग करना और सैंपल उत्पाद तैयार करना पड़ता है।
– प्रोडक्शन की प्रक्रिया से डिजाइनिंग करना और मशीन की जांच करना भी इन्हीं के जिम्मे होता है।
– इन पेशेवरों को इंजीनियर, प्रोडक्शन और मार्केटिंग के विशेषज्ञों के साथ मिलकर उत्पाद के निर्माण में आ रही किसी भी समस्या का समाधान करना पड़ता है।
– उत्पाद के निर्माण से पहले इसमें इस्तेमाल की जा रही सामग्री की जांच और निगरानी करना भी इन्हीं के जिम्मे होता है।
– कई फूड साइंटिस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में क्वालिटी कंट्रोल का काम करते हैं। पूरी निर्माण प्रक्रिया की निगरानी करना भी इन्हीं की जिम्मेदारी होती है।
– इनका काम उत्पादन के निर्माण का शेड्यूल बनाना और साफ-सफाई के लिए व्यवस्था तैयार करना होता है।
इन पेशेवरों को कई बड़ी कंपनियों के अलावा भारत सरकार के खाद्य विभागों में भी नौकरियों के मौके मिल सकते हैं
वेतन
इस क्षेत्र में शुरुआत करने पर 20 से 25 हजार रुपये प्रति माह तक वेतन मिल सकता है। पांच साल का अनुभव अर्जित करने के बाद 5 से 6.4 लाख रुपये सालाना तक का पैकेज मिल जाता है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है, वेतन भी 9 से 18 लाख रुपये तक सालाना हो सकता है। इस क्षेत्र में अगले 10 साल तक नौकरियों में सात प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होने की संभावना है।
फूड साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लोगों की भारी मांग को देखते हुए इसमें करियर बनाना बेहतर विकल्प हो सकता है। तेजी से उभर रहे इस क्षेत्र में करियर कैसे बनाएं-
ये कोर्स कर सकते हैं
– बीएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
– एमएससी फूड एंड न्यूट्रिशन
– बीटेक फूड प्रोसेसिंग एंड फूड टेक्नोलॉजी
– बीएससी इन होम साइंस
– एमएससी बायो टेक्नोलॉजी
– एमटेक इन फूड टेक्नोलॉजी
– एमटेक इन फूड एंड न्यूट्रिशन
– सर्टिफिकेट कोर्स इन फूड प्रोसेसिंग *एंड प्रिजर्वेशन
– डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग
– डिप्लोमा इन फूड प्रिजर्वेशन
– डिप्लोमा इन फूड प्रिजर्वेशन एंड टेक्नोलॉजी
– पीएचडी इन फूड प्रिजर्वेशन
– पीएचडी इन बायो टेक्नोलॉजी
प्रमुख संस्थान
– सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रॉप प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी
– नेशनल एग्री फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट
– राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कोटा
– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन
– नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट
– एसआरएम यूनिवर्सिटी
– अन्ना यूनिवर्सिटी
– पांडिचेरी यूनिवर्सिटी
– आईआईटी खड़गपुर
– आईआईएससी बेंगलुरू
एक्सपर्ट की राय
फूड साइंस एक उभरता हुआ क्षेत्र है। यह तेजी से हो रहे शहरीकरण और जीवनशैली में हो रहे बदलावों के कारण बढ़ रहा है। फूड साइंस एक बहुउद्देशीय विषय है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए खाद्य सामग्री की केमिस्ट्री और बायो केमिस्ट्री के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस क्षेत्र में बेहद प्रशिक्षित और अनुभवी लोगों की जरूरत होती है। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के अलावा उनकी सुरक्षा और पोषक तत्वों के बारे में भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार अच्छे संस्थानों से डिग्री प्राप्त करें। भारत में यह इंडस्ट्री 10 से 15 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में पेशेवरों की भारी मांग है और सप्लाई में काफी कमी है। एफएमसीजी, फार्मा, एग्रो, डेयरी, बेकरी, फूड पैकेजिंग समेत कई क्षेत्रों में नौकरी के भरपूर मौके मौजूद है।