कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी, इस बार नए अध्यक्ष का चुनाव होगा डिजिटल !

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कांग्रेस के अंदर 23 असंतुष्ट नेताओं की चिट्ठी सार्वजनिक होने से उठे विवाद और हालिया चुनावों में निराशाजनक परिणाम सामने आने के बाद अब कांग्रेस बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि पार्टी के भीतर नए अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी चल रही है और इस बार पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव डिजिटल तरीके से होगा। इसके लिए कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के चुनाव की मतदाता सूची में शामिल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के डेलिगेट को डिजिटल कार्ड जारी करने की तैयारी कर रही है। अध्यक्ष पद के चुनाव में करीब 1500 डेलिगेट वोट करते हैं। अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम की जल्द घोषणा होने की उम्मीद है।

देश की सबसे पुरानी पार्टी ने नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एआईसीसी डेलिगेट को पहचान पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अध्यक्ष पद के चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि इस बार आईडी डिजिटल होगा। इस कार्ड पर एक बार कोड होगा। इस कोड को स्केन करते ही सदस्य के बारे में तमाम जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगीं। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी। सीडब्लूसी की मुहर के बाद कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा। 

मतदान प्रक्रिया पर फैसला सीडब्लूसी करेगी:
केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए एक से अधिक उम्मीदवार होगें, तो मतदान होगा। मतदान बैलेट पेपर के जरिए होगा या डिजिटल तरीके से, इस बारे में अंतिम फैसला सीडब्लूसी करेगी। चुनाव प्राधिकरण दोनों तरीके से नए अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारी कर चुका है।

वर्ष 2022 तक होगा कार्यकाल : 
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नए साल की शुरुआत तक नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। पार्टी के नए अध्यक्ष का कार्यकाल साल 2022 तक होगा। क्योंकि, वर्ष 2017 में राहुल गांधी अध्यक्ष बने थे, पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी जिम्मेदारी संभाल रही है।

पारदर्शी चुनाव की चुनौती: 
कांग्रेस के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव बेहद अहम है। एक के बाद एक चुनाव में हार के बाद पार्टी के अंदर असंतोष की आवाज तेज हो रही है। ऐसे में पार्टी के समक्ष चुनाव को पूरी तरह पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने की चुनौती है ताकि आलोचकों को कोई मौका नहीं मिल पाए। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 23 असंतुष्ट नेताओं के पत्र के बाद ही नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का गठन किया था। इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री को सौंपी गई है।
 

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